देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर के प्रांगण में बने 21 मंदिरों में चढ़ाए गए बेलपत्र और फूल अब फेंके नहीं जाते हैं|अब इनको जमा कर उनसे जैविक खाद बनाया जा रहा है|फूलों और बेलपत्रों से बने जैविक खाद को बाजार में बेचा भी जा रहा है|जैविक खाद बनाने के लिए देवघर में ही प्लांट लगाया गया है| और इसका निर्माण कर रही है शिवेष्ट नाम की एक एनजीओ| जो कि शहर के बिलासी टाउन मोहल्ले में ही प्लांट लगाकर खाद का निर्माण कर रही है|दरअसल ये देखा जा रहा था कि भक्तों द्वारा चढ़ाए गए बड़ी मात्रा में बेलपत्र और फूल बर्बाद हो रहे हैं|इसी बात को देख मंदिर प्रबंधन ने इन फूलों और बेलपत्रों से जैविक खाद बनाने की पहल की|जैविक खाद प्लांट के निर्माण के लिए संथालपरगना माइंस चितरा की ओर से आठ लाख रुपए दिए गए हैं|
एनजीओ शिवेष्ट के संचालक आलोक कहते हैं मंदिर से करीब 150 किलोग्राम तक फूल और बेलपत्र प्लांट तक पहुंचता है|उनके अनुसार सामान्य तौर पर एक सौ किलोग्राम फूल-बेलपत्र से 80 किलोग्राम तक जैविक खाद बनकर तैयार होता है|आलोक ने खाद बनाने की विधि के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हर दिन आनेवाले फूल-बेलपत्रों की छंटनी करने के बाद उसे सुखाया जाता है उसके बाद उससे जैविक खाद तैयार किया जाता है|यहां तैयार जैविक खाद की कीमत 30 रुपए से लेकर 80 रुपए प्रति किलोग्राम तक रखी गई है|करार के मुताबिक जैविक खाद से होने वाली आय का 25 प्रतिशत हिस्सा मंदिर प्रबंधन को देना होता है|बाबा मंदिर प्रबंधन की ओर से शुुरु किए गए इस काम से जहां मंदिर प्रांगण सहित आसपास के इलाकों से गंदगी दूर हो गई है,वहीं भक्त भी इस फैसले से खुश हैं|