राज्य में स्वास्थ्य विभाग जल्दी ही पब्लिक हेल्थ कैडर बनाने जा रहा है|अब सरकारी सेवा में आने पर डॉक्टरों को अपनी मर्जी से सर्विस चयन करना होगा|इस सेवा में शामिल डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस की अनुमति नहीं होगी|ऐसे डॉक्टरों को नन प्रैक्टिस अलाउंस दिया जाएगा जबकि क्लिनिकल सर्विससेज में शामिल डॉक्टर ही निजी प्रैक्टिस कर सकेंगे|इस समय पब्लिक हेल्थ कैडर के लिए करीब डेढ़ हजार डॉक्टरों की जरुरत है|इसके लिए एक अलग निदेशालय बनाने पर भी विचार चल रहा है|इस मामले पर अधिकारियों के साथ काफी विचार विमर्श के बाद तमिलनाडु कैडर को अपनाने पर सहमति जाहिर की गई|स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जून महीने में ही प्रस्ताव तैयार हो जाएगा उसके बाद उसे स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा|आने वाले दिनों में स्वास्थ्य विभाग में तीन कैडर हो जाएंगे इसमें पब्लिक हेल्थ कैडर,इमरजेंसी कैडरऔर क्लिनिकल सर्विसेज कैडर शामिल हैं|
क्या होगा पब्लिक हेल्थ कैडर में
सभी राष्ट्रीय कार्यक्रम जिसमें राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान,पल्स पोलियो अभियान,राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम,कालाजार नियंत्रण प्रोग्राम आदि शामिल हैं|इस सेवा में मास्टर इन पब्लिक हेल्थ या सामुदायिक चिकित्सा सेवा में पीजी डिग्री लिए डॉक्टरों को प्राथमिकता दी जाएगी|राज्य के 534 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इस सेवा के ब्लॉक हेल्थ ऑफिसर तैनात करने की तैयारी है|
क्या है तमिलनाडु हेल्थ कैडर
तमिलनाडु में हरेक पीएचसी को पब्लिक हेल्थ सर्विस की श्रेणी में रखा गया है जबकि सीएचीस और उससे उपर के अस्पताल क्लिनिकल श्रेणी में आते हैं|पीएचीस में ज्यादातर पब्लिक हेल्थ कैडर के डॉक्टरों की तैनाती है|उड़ीसा,पश्चिम बंगाल,आंध्रप्रदेश आदि में पब्लिक हेल्थ के अलग-अलग मॉडल तैयार किए गए हैं|बिहार में तमिलनाडु मॉडल को लागू करने पर विचार चल रहा है|