राजधानी के अस्पतालों में पिछले दो दिनों से चल रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो गई है| इस हड़ताल के चलते 21 मरीजों की जान चली गई| हड़ताल टूटने के बाद रात 12 बजे से जूनियर डॉक्टर अपने काम पर लौट गए| अस्पताल प्रशासन ने उनकी चार सूत्री मांगों को मानते हुए उन्हें जल्दी ही पूरा करने का भरोास दिया है| पिछले दो दिनों से चरमरा सही स्वास्थ्य व्यवस्था को देख विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन की अगुवाी में एक बैठक हुई जिसमें जूनियर डॉक्टरों की मांगों पर सहमति बनी|
जेडीए के अध्यक्ष डॉ विनय ने बताया कि चारों छात्रों को बेल देकर रिहा कर दिया गया है| हालांकि थाने में दर्ज प्राथमिकी से नाम हटाने की मांग पर छात्र अड़े थे जिन्हें भरोसा दिलाया गया कि प्रशासन इसकी जांच कर कर रहा है, वहीं लाठीचार्ज क्यों हुई, इस मसले पर जांच किया जायेगा| जो दोषी होंगे, उन पर ही कार्रवाई होगी| जेडीए अध्यक्ष ने कहा कि प्रधान सचिव ने सिर्फ आश्वासन दिया है| अगर 15 दिन के अंदर मांगों पर विचार नहीं होगा तो जूनियर डॉक्टर फिर हड़ताल चले जायेंगे| वहीं पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ एसएन सिन्हा ने कहा कि हड़ताल टूटने के बाद ओपीडी और इमरजेंसी सुचारु रूप से काम करने लगेगा| आइएमए के उपाध्यक्ष डॉ सुनील सिंह ने कहा कि डॉक्टरों को भी मानवता बरतनी चाहिए, क्योंकि पीएमसीएच में खासकर गरीब तबके के मरीज आते हैं|