नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में बुधवार की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप की तीव्रता 4.0 थी भूकंप के झटकों से दिल्ली समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश हिल गया। मिली जानकारी के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश का बागपत था। भूकंप के झटकों से किसी तरह के नुकसान की खबर अभी तक नहीं मिली है।
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आपको बता दें कि बुधवार को सिर्फ दिल्ली-एनसीआर ही नहीं बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। बुधवार को ही तजाकिस्तान और अमेरिका के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। अमेरिका के Bluffdale में 3.7 रिक्टल स्केल की तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था।
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— Akash Bhardwaj (@Akash_bynext) February 20, 2019
क्यों बार-बार आता है भूकंप?
गौरतलब है कि धरती की ऊपरी सतह 7 टेक्टोनिक प्लेटों से मिल कर बनी होती हैं। जब भी ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं तो भूकंप की स्थिति पैदा होती है। जिस दौरान भूकंप आता है, ये प्लेट्स एक दूसरे के क्षेत्र में घुसने की कोशिश करती हैं। इसी दौरान जो ऊर्जा पैदा होती है उससे धरती हिलने या फटने का खतरा बना रहता है। कई बार अगर भूकंप की तीव्रता तेज रहती है तो काफी समय तक आफ्टरशॉक आने का खतरा रहता है।
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भूकंप की तीव्रता का क्या मतलब, कितना होता है असर?
- 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
- 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन महसूस होता है।
- 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
- 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
- 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है।