23 मई 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से एक दिन पहले ईवीएम और वीवीपैट पर चुनाव आयोग ने एक बैठक की जिसमे विपक्ष की मांगो पर और ईवीएम और वीवीपैट के मिलान पर बातचीत हुई और विपक्ष की इस मांग को ठुकरा दिया गया जिसमे वोटो की गिनती शुरू होने से पहले वीवीपैट की पर्चियों को ईवीएम के आंकड़ों से मिला कर देखा जाए |
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विपक्ष VVPAT की पर्चियों के मिलान पर सहमत
22 मुख्य विपक्षी पार्टियों ने मंगलवार को आयोग से मांग की वीवीपैट की पर्चियों को पहले गिना जाए और ईवीएम से समानता अगर ना हो तो पूरी विधानसभा की वीवीपैट की पर्चियों का मिलान कराया जाये जिसे चुनाव आयोग ने ख़ारिज कर दिया जिससे विपक्ष को बहुत बड़ा झटका लगा | चुनाव आयोग ने काफी लम्बी चली बैठक में यह निर्णय लिया की ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों की गिनती करने में कोई बदलाव नहीं किया जायेगा, पहले से निर्धारित नियमों के हिसाब से ही गिनती होगी |
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चुनाव आयोग की बैठक में चर्चा का विषय
चुनाव आयोग की बैठक में इस बात को लेकर भी चर्चा हुई कि यदि वो विपक्षी दलों की इस मांग को मान भी लेते है तो मतगणना में 2 से 3 दिन का अतिरिक्त समय भी लग सकता है। जैसे ही चुनाव आयोग के फैसले का पता लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी को चला तो उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का ये फैसला तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बिलकुल खिलाफ है। उन्होंने ट्विटर पर ट्वीट करके लिखा कि वीवीपैट की पर्चियों का मिलान सुबह वोटों की गिनती के साथ होना चाहिए | अगर चुनाव आयोग ऐसा नहीं करता है तो सुप्रीम कोर्ट के लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति ख़राब कर सकता है। दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और कई बड़े नेताओ ने मंगलवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की और कहा की चुनाव में वोटो की गिनती ईवीएम से ना करके वीवीपैट से मतों से की जानी चाहिए, जिस पर चुनाव आयोग ने कहा की ईवीएम-वीवीपैट दोनों ही पूरी तरह से सुरक्षित है |