कश्मीर। जम्मू-कश्मीर में सरकार गिर जाएगी, वो भी अचानक, ये किसी ने भी नहीं सोचा होगा। लेकिन मंगलवार को ऐसा होता नजर आया। जब भारतीय जनता पार्टी ने अपना समर्थन वापस ले लिया, तो महबूबा मुफ्ती के पास कोई विकल्प नहीं रहा और उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल एनएन वोहरा को सौंप दिया।
मुफ्ती के कुर्सी छोड़ते ही अब्दुल्ला ने दिखाई दी तेजी
जैसे ही महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल के सामने अपना इस्तीफा सौंपा उसी समय उमर अब्दुल्ला ने भी राज्यपाल से मुलाकात की। इस मुलाकात को देखकर ऐसा लग रहा था कि उमर अब्दुल्ला इंतजार कर रहे थे कि सीएम की कुर्सी कब खाली होगी और कब,कौन उसपर कब्जा करेगा। जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनने की कोई स्थिति अभी तो दिखाई नहीं दे रही है, जिसके चलते राज्यपाल ने राष्ट्रपति को राज्यपाल शासन लगाने की सिफारिश भेजी।
राष्ट्रपति ने दी राज्यपाल शासन की मंजूरी
महबूबा मुफ्ती के कुर्सी छोड़ने के बाद राज्यपाल द्वारा भेजी गई सिफारिश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन को लागू कर दिया है।
बीजेपी की बैठक के बाद लिया गया अहम फैसला
आपको बात दें कि, मंगलवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर बीजेपी नेताओं के साथ बैठक की थी, जिसमें बीजेपी ने अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया।
मंगलवार को बीजेपी नेता राममाधव ने पीडीपी से समर्थन वापस लेने का ऐलान करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में स्थिति काफी बिगड़ी है, जिसके कारण हमें ये फैसला लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री, अमित शाह, राज्य नेतृत्व सभी से बात की है।