नई दिल्ली। वर्ल्ड साइकल डे पर Atlas ने साहिबाबाद में अपना आखिरी प्लांट बंद कर दिया। जिन लोगों ने अपने जीवन में साइकल चलाई है, उनके लिए Atlas एक पहचाना नाम है। बुधवार को वर्ल्ड साइकल डे साइकल बनाने वाली बड़ी कंपनी एटलस ने साहिबाबाद में साइट-4 स्थित अपनी फैक्टरी अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी। आज के युवाओं ने भी बचपन में Atlas की सवारी जरूर की होगी। Atlas की यह फैक्टरी बंद होने के बाद हजारों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। साहिबाबाद की यह फैक्टरी एटलस की सबसे बड़ी और आखिरी फैक्टरी थी। इसमें उत्पादन बंद होने से अब देश में एटलस साइकल का निर्माण बंद हो गया है।
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1951 में हुई थी कंपनी की स्थापना
1947 में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद कराची से भारत आए जानकी दास कपूर ने एटलस साइकल कंपनी की स्थापना 1951 में की थी। कंपनी का साहिबाबाद स्थित यह प्लांट आखिरी था। इससे पहले कंपनी मध्यप्रदेश के मालनपुर और हरियाणा के सोनीपत के प्लांट भी बंद चुके हैं। खबरों के अनुसार इस फैक्टरी में सबसे ज्यादा उत्पादन होता था। कंपनी यहां हर साल लगभग 40 लाख साइकल बनाती थी।
नोटिस से पता चला
फैक्टरी बंद होने के बारे में मजदूरों को पता भी नहीं था। रोज की तरह जब कर्मचारी बुधवार सुबह काम पर आए तो फैक्टरी के गेट पर मैनेजमेंट की ओर से लगा नोटिस पढ़कर सन्न रह गए। अचानक फैक्टरी बंद होने से यहां काम करने वाले कर्मचारियों के आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
बताया पैसे की कमी का कारण
नोटिस में कंपनी ने लिखा कि उसके रोजमर्रा के सामान खरीदने तक के भी पैसे नहीं हैं। इसलिए सभी को ले ऑफ किया जाता है। नोटिस में यह भी लिखा था कि जब तक कि धन नहीं जुटा लेते तब तक कच्चा माल खरीदने में भी असमर्थ हैं। ऐसे में हम फैक्टरी चलाने की स्थिति में नहीं है
कर्मचारियों ने किया विरोध
लॉकडाउन में कंपनी का उत्पादन ना होने से आर्थिक संकट में चल रही साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट-4 की एटलस कंपनी ने अपने सैकड़ों कर्मियों को ले-ऑफ कर दिया। कंपनी के नोटिस से गुस्सा कर्मचारियों ने कंपनी के गेट पर ही प्रदर्शन कर विरोध जताया। सूचना पर पहुंची लिंक रोड पुलिस ने कर्मचारी इकट्ठा होने पर हल्का बल प्रयोग कर सभी को हटाया
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कर्मचारियों की नौकरी खतरे में
बता दें कि साहिबाबाद स्थित इस कारखाने के बंद होने के बाद यहां काम करने वाले कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। एक कर्मचारी ने बताया कि कारखाना बंद होने से लगभग 450 कर्मचारी सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। वहीं अस्थाई तौर पर प्रभावित लोगों को मिला लें तो फैक्ट्री बंद होने से 700 कर्मचारियों पर असर पड़ेगा।