पिछले दिनों गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत का जख्म अभी भरा भी नहीं कि झारखंड के जमशेदपुर से आई 52 बच्चों की मौत की खबर ने जख्म को भरने से पहले हीं कुरेद दिया है।
दरअसल, पिछले 30 दिनों में जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल (एमजीएम) के शिशु वार्ड में लगभग 52 बच्चों की मौत हो चुकी है।
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक़ इन मौतों की वजह कुपोषण है । इधर सोशल मीडिया में आई इस खबर और बच्चों की मौत पर लोगों का कहना है कि आखिर कब खत्म होगा अगस्त। बता दें कि पिछलो दिनों गोरखपुर हादसे के बाद विगत कुछ साल के आंकड़े बताते हुए यूपी के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि इस समय हुई मौत अस्वभाविक नहीं हैं।
गोरखपुर और एमजीएम अस्पताल में बच्चों की मौत पर सरकारी स्वास्थ्य तंत्र भले हीं सफाई दे रहे हैं लेकिन संवेदनहीनता के शिखर पर बैठे तमाम अधिकारी ऐसी परिस्थिति के जिम्मेदार हैं। सरकारों को समझना पड़ेगा कि जवाबदेही तय करने की बात कह कर मामले की जांच और कठोर कार्रवाई के सरकारी बयानों से मासूम मृतकों को जीवन नहीं मिलता।