गौरी लंकेश को अश्रूपूर्ण विदाई दी गई। प्रसिद्ध कन्नड़ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। गौरी लंकेश लिंगायत समुदाय से आती हैं, जिसमें दाह संस्कार नहीं होता। गौरी के पार्थिव शरीर को मध्य बेंगलुरू के चामराजपेट के एक कब्रिस्तान में दफनाया गया। पुलिस ने पत्रकार गौरी लंकेश को बंदूकों से सलामी दी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, गृहमंत्री रामलिंगा रेड्डी व अन्य नेता लंकेश को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए कब्रिस्तान में मौजूद थे।
गौरी लंकेश पर मंगलवार को तीन अज्ञात हमलावरों ने सात गोलियां दागी थी और उनकी मौत हो गई थी। लंकेश अपने कार्यालय से घर लौटी थीं। लंकेश के सीने में दो गोलियां और एक गोली माथे पर लगी थी। लंकेश की नृशंस हत्या का पूरे दिन पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, लेखकों, विचारकों, महिला संगठनों व दूसरे लोगों ने देश भर में जमा होकर निंदा की।