नई दिल्ली। आज है गुरु पूर्णिमा। गुरू पूर्णिमा का हिंदू धर्म में एक विशेष है। हिंदू धर्म में गुरु को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यहां तक की गुरु को भगवान का दर्जा दिया जाता है। क्योंकि वो गुरु ही है जो हमें अज्ञानता के अंधकार से उबारकर सही मार्ग की ओर ले जाता है यही वजह है कि देश भर में गुरु पूर्णिमा का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।
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क्या है गुरु पूर्णिमा का महत्व
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है। क्योंकि वहीं होते हैं जो हमें सही राह पर चलने का ज्ञान प्रदान करते हैं। कहते हैं ना गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः । गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥ गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती, यह बात एकदम सच है… वहीं होते हैं जो हमें सही-गलत की सीख देते हैं। जिसके कारण हम आपने भविष्य में सही राह चुनते हैं। राह हर कोई दिखाता है लेकिन उस राह पर मिलने वाली सीख का सही अर्थ सिर्फ गुरु ही बताता है। इसलिए भगवान के समाना माना जाता है गुरु को।
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पुराने जमाने में गुरु पूर्णिमा के दिन विघार्थी गुरु की पूजा करते थे। गुरु पूर्णिमा बारिश के मौसम की शुरूआत में आती है। इसके साथ मौसम का मिजाज भी बदलने लगता है। इस मौसम को अध्ययन के लिए उपयुक्त माना गया है। यही वजह है कि गुरु पूर्णिमा से लेकर अगले चार महीनों तक साधु-संत विचार-विमर्श करते हुए ज्ञान की बातें करते हैं। इस दिन केवल गुरु की ही नहीं, बल्कि घर में अपने से जो भी बड़ा है यानी कि माता-पिता, भाई-बहन, सास-ससुर को गुरुतुल्य समझ कर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण
इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण पड़ रहा है। यह ग्रहण कुल 2 घंटे 59 मिनट तक रहेगा। भारतीय समय के अनुसार चंद्र ग्रहण 16 जुलाई की रात 1 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगा और 17 जुलाई की सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। इस दिन चंद्रमा पूरे देश में शाम 6 बजे से 7 बजकर 45 मिनट तक उदित हो जाएगा इसलिए देश भर में इसे देखा जा सकेगा।