नई दिल्ली। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, सरदार पटेल ग्रुप के लालजी पटेल और ऐके पटेल को 2015 के मेहसाणा दंगा मामले में दोषी माना गया है। साथ ही विसनगर कोर्ट ने उन्हें 2 साल कि सजा भी सुनायी है। हार्दिक पटल समेत दोनों पर तोड़फोड़ और आगजनी का आरोप है।
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इस मामले में विसनगर कोर्ट ने 17 आरोपियों में से 3 लोगों को दोषी करार दिया है। वहीं 14 लोगों को बरी कर दिया है। आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की पहली घटना 23 जुलाई 2015 को बीजेपी के विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर में हुई थी। जिसपर उन्होंने जमकर तोड़फोड़ की थी।
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सजा का एलान
सरकारी वकिल चंदन सिंह राजपुत के मुताबिक हार्दिक पटेल समेत दोनों को 50 -50 हजार का जुर्माना और 10-10 हजार मुआवजे के तौर पर चुकाने का आदेश दिया है। इस पूरे मामले में दिलचस्प बात ये है कि सरकार ने ये घोषणा की थी कि वो पाटीदार आंदोलन के दौरान हुए दंगों के सभी मामले वापस ले लेगी, लेकिन कहीं ना कहीं सजा के एलान ने सरकार कि नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।