‘अम्फान’ चक्रवात अब ‘महाचक्रवात’ में बदल चुका है और यह गंभीर मामला है, इससे पहले सिर्फ 1999 में ओडिशा पहुंचा चक्रवातीय तूफान घातक था। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एस.एन. प्रधान ने सोमवार (18 मई) को यह बात कही। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ‘अम्फान’ जब 20 मई की सुबह या दोपहर तट पर दस्तक देगा तो वह अत्यधिक प्रचंड चक्रवातीय तूफान होगा।
वहीं, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि भीषण चक्रवाती तूफान का रूप ले चुका “अम्फान” बंगाल की खाड़ी के ऊपर और शक्तिशाली होकर धीरे-धीरे तट की तरफ बढ़ रहा है। यह अब प्रचंड चक्रवाती तूफान का रूप ले चुका है।
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विभाग ने कहा कि यह उत्तर-उत्तरपूर्व की तरफ बढ़ेगा और 20 मई को तेजी से उत्तरपश्चिम बंगाल की खाड़ी पहुंचेगा और भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में दीघा और हटिया के बीच पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों से टकराएगा।
विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने कहा कि इससे ओडिशा के तटीय इलाकों में भारी बारिश और तेज रफ्तार हवाएं चलने की आशंका बढ़ गई है और राज्य सरकार ने संवेदनशील इलाकों से लोगों को निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मछुआरों से 21 मई तक समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है।
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प्रधानमंत्री ने तैयारियों का जायजा लिया, केंद्रीय मदद का भरोसा दिया
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की जिसमें बंगाल की खाड़ी में उत्पन्न हो रहे चक्रवात ‘अम्फान’ को देखते हुए तैयारियों का जायजा लिया गया। उन्होंने चक्रवात से प्रभावित होने वाले राज्यों को हरसंभव केंद्रीय मदद का आश्वासन दिया। बैठक के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर कहा कि वह हर किसी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं और केंद्र सरकार की तरफ से हरसंभव सहयोग का आश्वासन देते हैं।
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प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में बताया गया कि प्रधानमंत्री ने स्थिति की समीक्षा की और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल द्वारा उठाए गए कदमों और लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के बारे में जानकारी ली। बयान में बताया गया, ”प्रतिक्रिया योजना पर प्रस्तुतीकरण के दौरान एनडीआरएफ के महानिदेशक (एस एन प्रधान) ने सूचित किया कि एनडीआरएफ की 25 टीमों को तैनात किया गया है, जबकि 12 अन्य को तैयार रखा गया है। देश के अन्य हिस्सों में एनडीआरएफ की 24 अन्य टीमों को तैयार रखा गया है।” बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार पी के सिन्हा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा भी मौजूद थे।