नई दिल्ली। अमृतसर ट्रेन हादसे 60 लोगों ने अपनी जान गवाई। किसी का इस हादसे में परिवार उजड़ गया, किसी का चिराग तो किसी का सुहाग। उन ट्रेन की पटरियों पर हर तरफ खून और लाशे दिखाई दे रही थी। जिसकी सूध किसी को नहीं थी। सरकार इस हादसे पर अपना पल्ला झाड़ती नजर आ रही है। वहीं इस हादसे पर ट्रेन ड्राइवर का बयान सामने आया है। इस बयान में उसने कहा कि मैंने ट्रेन ते इमरजेंसी ब्रेक लगाए थे, लेकिन ट्रेन वक्त पर नहीं रूक सकी।
इसे भी पढ़ें: दिल्लीवालों की बढ़ी मुश्किले, पेट्रोल-डीजल पर ‘कर्फ्यू’, टैक्सी भी बंद
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, डीजल इलेक्ट्रक मल्टीपल यूनिट (DEMU) के ड्राइवर अरविंद कुमार ने रेलवे प्रशासन को दिए लिखित बयान में कहा है कि मैंने अचानक रेलवे ट्रैक पर भीड़ को देखा। मैंने लगातार हॉर्न बजाते हुए ट्रेन के इमरजेंसी ब्रेक लगाए. इसके बाद भी कुछ लोग इसकी चपेट में आ गए।
इसे भी पढ़ें: अमृतसर ट्रेन हादसा: 15 घंटे बाद पंजाब पहुंचे अमरिंदर सिंह, घायलों से की मुलाकात
ड्राइवर का कहना है कि ट्रेन के करीब पूरी तरह रुकने की स्थिति में आते ही गुस्साए लोगों ने ट्रेन पर पत्थरबाजी कर दी। इसके बाद मैंने ट्रेन में सवार यात्रियों की सुरक्षा का ख्याल करते हुए ट्रेन वहां से आगे बढ़ा दी।
हालांकि, ड्राइवर का किया गया दावा हादसे के चश्मदीदों के बयान और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से उलट है।
इसे भी पढ़ें: अमृतसर: रावण दहन में दौड़ी मौत एक्सप्रेस
अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में दशहरे के दौरान हुए हादसे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच पुलिस ने कबूल किया है कि उसने आयोजकों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) दिया था, लेकिन कार्यक्रम के लिए नगर निगम की भी मंजूरी की जरूरत थी, जो नहीं ली गई थी।