नई दिल्ली। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली जो इस समय न्यूज पेपर, सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। चर्चा इस बात पर हो रही है, आखिर नॉर्थ ईस्ट में सीएए को लेकर हिंसा अचानकर से इतनी कैसे बढ़ गई। लोग सड़कों पर उतरकर पत्थर बाजी करने लगे। गोलियां चलाने लगे, दुकानों सामानों को आग लगाने लगे। सवाल कई उठ रहे हैं, लेकिन इस समय जवाब देने वाला कोई नहीं है। हर कोई खामोश है और एक ही बात बोल रहा है, शांति बनाए रखे इस तरह के प्रदर्शन करने से कुछ नहीं होने वाला।
इसे भी पढ़ें: शाहीन बाग प्रदर्शन: आज है सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का दिन
इस तरह भड़की हिंसा की आग
सीएए को हो रहा शाहीन बाग प्रदर्शन की आग नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में अचानकर से भड़क गई। लोग सड़कों पर उतर आए और सीएए को लेकर प्रदर्शन करने लगे। जिस समय वो प्रदर्शन कर रहे थे, उस समय सारे रास्तों को जाम कर दिया गया। जिसके कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लेकिन हालात उस समय खराब हुए जब दोनों तरफ के लोग सड़कों पर उतर आए। कोई इसका विरोध कर रहा था, कोई इसके समर्थन में उतरा था। जैसे-जैसे लोगों की भीड़ सड़कों पर बढ़ती गई हिंसा और आग फैलती गई। देखते ही देखते ये आग इतनी ज्यादा भड़क गई की वहां पर पुलिस और सीआरपीएफ को तैनात करना पड़ा।
इसे भी पढ़ें: 14 महीने-7 राज्य : म.प्र-राजस्थान से लेकर दिल्ली, बीजेपी के लिए पड़े भारी
हिंसा की आग में जले इतने लोग
ये प्रोटेस्ट नहीं था ऐसा लग रहा था, कि बदला लिया जा रहा है एक दूसरे से। कोई किसी की दुकाने जला रहा है, कोई मजार तो कोई पेट्रोल पंप। लेकिन क्या उन लोगों को पता है कि, इस आग में बस सामान नहीं लोगों की जान भी गई है। अबतक 35 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 189 से ज्यादा लोग अस्पताल में घायल पड़े है। जिनका इलाज चल रहा है। इतना ही नहीं इस हिंसा में रतन लाल दिल्ली पुलिस में हेड कॉस्टेबल ने अपना जान गंवा दी और शाहदरा में तैनात डीसीपी की हालत गंभीर बनी हुई है।
इसे भी पढ़ें: पुलवामा अटैक: 14 फरवरी को शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि
लगाई गई ये धाराएं
मिली जानकारी के अनुसार, हिंसा में शामिल हर व्यक्ति पर आईपीसी की धारा 147, 148, 295, 395, 307, 302 और 436 के साथ 149 व 34 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसमें हिंसक भीड़ में शामिल सभी लोग समान रूप से सजा के हकदार होंगे। कुल मिलाकर दिल्ली हिंसा में शामिल जितने लोग दोषी पाए जाएंगे, उनको दो साल से लेकर मृत्युदंड तक की सजा दी जा सकती है।
इसे भी पढ़ें: दिल्ली चुनाव 2020: इन कारणों से जीत की तरफ बढ़ रहे हैं अरविंद केजरीवाल और आप
आपको बता दें कि, इस समय मौजपुर-बाबरपुर, चांदबाग, सीलमपुर, जाफराबाद, करावल नगर, भजनपुर और इनसे जुड़े इलाकों में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। सेना वहां पर लगातार फ्लैग मार्च कर रही है। मेट्रो स्टेशन भी खोले गए हैं। लेकिन अभी भी लोगों को गुट में जाने के लिए मना किया गया है क्योंकि अभी भी वहां धारा 144 लगी हुई है। साथ ही मंगलवार रात को लगाए गए कफ्यू को हटाया नहीं गया है। उम्मीद लगाई जा रही है कि ये आग जल्द ही शांत होगी और वहां पर जैसा माहौल पहले बना हुआ था वैसा दोबारा बन जाएगा।