नई दिल्ली। जामिया में हुए नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार 15 दिसंबर को ये बवाल इतना ज्यादा बढ़ गया कि, वहां हिंसा के अलावा कुछ ओर दिखाई नहीं दिया। आज इस प्रदर्शन और वहां हुई हिंसा के खिलाफ पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, 15 दिसंबर को हुई घटना के सिलसिले में जिन दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है वह सभी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं। साथ ही पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार उसमें से कोई भी छात्र नहीं है।
Delhi Police arrest 10 people with criminal backgrounds over Jamia Nagar violence
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— ANI Digital (@ani_digital) December 17, 2019
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सोची- समझी रणनीति के तहत हुई हिंसा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने सोमवार को बयान दिया था कि, यह घटना एक सोची-समझी रणनीति के तहत हुई है। दिल्ली पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस-वार्ता में इस बात का भी खुलासा हुआ कि इस कांड की जांच दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस से छीनकर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के हवाले कर दी गई है।
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दिल्ली पुलिस प्रवक्ता डीसीपी मंदीप सिंह रंधावा ने कहा, “रविवार को जामिया नगर और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में हुए बबाल में डीसीपी सहित कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे। दो एसएचओ को फ्रैक्चर हो गया। एक पुलिसकर्मी अभी तक आईसीयू में जिंदगी मौत के बीच झूल रहा है। डॉक्टर्स उसकी जिंदगी बचाने की कोशिश में जुटे हैं।” पुलिस प्रवक्ता ने आगे कहा, “घटना में चार बसों को भीड़ द्वारा आग लगा दी गई। इसके अलावा 100 के करीब वाहनों को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया। इन वाहनों में स्थानीय निवासियों के वाहन सहित दिल्ली पुलिस के भी कई वाहन शामिल थे। आगजनी और पथराव में कितने का नुकसान हुआ है, इसका फिलहाल आंकलन अभी नहीं हो सका है।”
पुलिस प्रवक्ता ने झगड़े की पहल की बात से किया इंकार
जानकारी के अनुसार, पुलिस प्रवक्ता ने इस बात से इंकार किया की झगड़ की पहल दिल्ली पुलिस द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा, “दरअसल कुछ लोग वाहनों को आग लगा रहे थे। निदोर्षों पर पथराव कर रहे थे। जिनको पकड़ने के लिए पुलिस ने उनका पीछा किया और उन्हें पकड़ने की कोशिश भी की। कुछ लोग पकड़े भी गए। लेकिन कुछ लोगों ने उसे हिंसा का नाम दे दिया।
रंधावा ने कहा, “पथराव में 39 लोगों के जख्मी होने की खबर है, जिनमें हमारे पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। सभी घायलों की अस्पतालों में मेडिको लीगल रिपोर्ट्स (एमएलसी) भी बनाई गई है। ताकि आगे होने वाली तफ्तीश पर कोई विपरीत असर न पड़े।” उपद्रवियों ने क्या माहौल खराब करने के लिए पेट्रोल-बम का इस्तेमाल किया? पुलिस प्रवक्ता ने कहा, “हां बोतलों में पेट्रोल था।”
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जब उनसे पूछा गया कि क्या इसके पीछे आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान का नाम सामने आ रहा है तो वो इस सवाल पर कन्नी काटते नजर आए। उन्होंने कहा, “तमाम तथ्यों की विस्तृत जांच होनी अभी बाकी है। जांच पूरी होने से पहले कुछ कह पाना मुश्किल है।” दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया के विवादित ट्वीट ने भी क्या फसाद को फैलाने के लिए आग में घी का काम किया?
दिल्ली पुलिस प्रवक्ता ने कहा, “हर बिंदु पर जांच जारी है। जांच जिला पुलिस से हटाकर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के हवाले कर दी गई है। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है तब तक इस संवेदनशील मुद्दे पर ज्यादा बात करना ठीक नहीं होगा।”
इस खबर में दी गई सारी जानकारी सूत्रों द्वारा दी गई है।