नई दिल्ली। साल 2020 की जबसे शुरूआत हुई है, तबसे ही देश में कई तरह की परेशानियां देखने को मिल रही है। साल की शुरूआत हुई सीएए और एनआरसी के बिल को लेकर। जिसको लेकर देश की राजधानी दिल्ली और देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन किए गए, उसके बाद कोरोना फिर अम्फान और भूकंप। इन संकटों को देखकर लग रहा है कि, इस बार तो भगवान भी साथ नहीं दे रहे हैं, एक के बाद एक मुसीबत लोगों को घेरती जा रही है। जिसके कारण देश के लोग और अर्थव्यवस्था पूरी तरह से हिल गई है। कोई खाने-पानी को मौताज हो रहा है, तो कोई अपने घर से बेघर, कोई अपनों के खोने का दर्द झेल रहा है। इतनी मुसीबत वाला समय पहली बार पूरी लाइफ में देखने को मिला है। सब इस सवाल के साथ जी रहे हैं, कि ये समस्या आखिर कब खत्म होगी। कब ये संकट का समय समाप्त होगा और जिंदगी दोबार पटरी पर आएगी।
सीएए- एनआरसी प्रोटेस्ट
सीएए- एनआरसी को लेकर हुए प्रोटेस्ट ने लोगों की रातों की नींद को उड़ा दिया था। एक तरफ हिंसा की आवाज दूसरी ओर पुलिस की जीप की आवाज लोगों को रातों में सोने भी नहीं देती थी। ठंड में बैठी महिलाएं सरकार से इस फैसले को वापिस लेने की मांग करती, वहीं सरकार भी इस बात पर टीकी रहती कि, ये फैसला जो लिया गया है इस वापस नहीं लिया जाएगा। इस जवाब का आलम ऐसा देखने को मिला की दिल्ली के कई इलाकों में दंगे भड़क गए, लोगों ने पत्थरबाजी, आगजनी करनी शुरू कर दी। जिसके कारण वहां की आवाजाही को रोकना पड़ा लोगों को अपने घरों में कैद रहना पड़ा। इन इलाकों में कफ्यू लगा दिया गया, ताकि सड़कों पर जिस तरह से पत्थरबाजी और आगजनी हुई वो और ज्यादा ना बढ़ जाए। हालात काबू में कर लिए गए, लेकिन लोगों के जहन से ये बात नहीं निकाल पाए कि, ये एक्ट किसी को जबरदस्ती इस देश से नहीं निकालेगा। अगर आपके पास प्रूफ है तो आप इस देश के नागरिक ही माने जाएगे।
कोरोना वायरस
कोरोना-कोरोना और सिर्फ कोरोना हर तरह इसी के बारे में चर्चा होती रहती है, ये एक सबसे बड़ा चर्चा का कारण बन गया है। साथ ही साथ लोगों के डर का कारण भी याद नहीं कि कभी किसी बीमारी ने इंसानों को इतना डाराया होगा, कि वो पूरी तरह से घर में बंद हो जाए। जबसे ये बीमारी भारत में फैलनी शुरू हुई है यहां के लोगों की हालत और देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से हिल गई है। इस वायरस ने भारत को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को नुकसान पहुंचाया है। चीन के वुहान से शुरू हुआ ये वायरस आज पूरी दुनिया में अपने पैर पसार चुका है। जिससे निपटने के लिए हर देश अपनी ओर से जी जान लगा रहा है, ताकि इसकी जड़ को खत्म किया जा सके। अब बस इंतजार और चमत्कार पर लोगों की उम्मीदे कायम है। फिलहाल भारत में कोरोना के मामले 2 लाख के पार पहुंच गए हैं।
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अम्फान तूफान
मई के महीने में आए अम्फान तूफान ने बंगाल में तबाही का मंजर पैदा कर दिया। इस भयानक तूफान जिसने लोगों के जीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया। अम्फान इसकी गति 155 से 165 किमी प्रति घंटे, जो बढ़कर 185 तक हो गई थी। जिसक कारण कई लोगों को तटीय इलाके से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इसमें एनडीआरएफ की टीम ने लोगों की काफी मदद की। इस तूफान के कारण कोलकाता में काफी नुकसान हुआ जिसने लोगों का जीना मुहाल कर दिया। पहले कोरोना ने लोगों के जीवन की गाड़ी को हिला रखा था, अब इस तूफान ने उन्हें खौफ में जीने पर मजबूर कर दिया है। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी ने भी कहा कि, इस तूफान के द्वारा हुए नुकसान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
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भूकंप
2020 साल की संख्या को देखकर लग रहा है, जैसे हमारी जिंदगी के साथ 2020 का मैच हो रहा है, कभी वायरस तो कभी तूफान और अब भूकंप। ऐसा लग रहा है, कि प्रकृति ने चारों तरफ से घेरकर इंसानों को सबक सिखाने का जिम्मा ले लिया हो। जो भी इंसानी लोगों ने प्रकृति को नुकसान पहंचाया अब प्रकृति उसका पूरा हिसाब इंसानों से ले रही है। अप्रैल से लेकर अब तक भूकंप के कई झटके भारत महसूस कर चुका है, जिसका अब तक ज्यादतर केंद्र दिल्ली-एनसीआर रहा है। 3 जून को भी रात 10:46 पर भूकंप के झटके नोएडा में महसूस किए गए। अब ये मंजर कब शांत होगा इसका ना ही हमें पता है और ना ही कोई बता सकता है।
साल की शुरूआत ऐसे हुई है तो सोचिए अंत कैसा होगा। रहने दीजिए सोचकर करना क्या है, बस उम्मीद और प्रार्थना करे की ये संकट का समय जल्द से जल्द खत्म हो जाए, और जैसे अब तक सब चल रहा था दोबारा वैसे ही हो जाए। क्योंकि अब लोगों का सब्र टूटने लगा है, इस विपदा के समय को देखते-देखते। हम भी आप सबसे एक ही बात कहेगे घर पर रहे सुरक्षित रहें और हो सके तो जरूरतमंदों की मदद जरूर करें।