नई दिल्ली। 16 दिसंबर 2012 में हुए निर्भया रेप केस के आरोपियों के डेथ वॉरट का फैसला 7 जनवरी तक के लिए टल गया है। जिसके बाद निर्भया के माता-पिता एक बार फिर निराश दिखाई दिए, क्योंकि उन्होंने चारों दोषियों को जल्द-से-जल्द फांस दिए जाने की मांग के साथ कोर्ट से डेथ वॉरंट जारी करने की गुहार लगाई थी।
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Plea by parents of 2012 Delhi gang rape victim, seeking immediate execution of death-row convicts: Public prosecutor argued in Delhi Court that pendency of mercy petitions or fact that convicts want to file mercy petitions does not preclude court from issuing death warrant
— ANI (@ANI) December 18, 2019
कोर्ट ने कहा कि चारों दोषियों को जेल प्रशासन नोटिस जारी करे। पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा कि दोषी अपने बचे सभी कानूनी अधिकार इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही अब निर्भया के दोषियों की फांसी कुछ और समय के लिए टल गई है।
जानें कोर्ट ने क्या-क्या कहा
कोर्ट ने तिहाड़ प्रशासन को निर्देश दिया के वे एक सप्ताह के भीतर दोषियों को नोटिस जारी कर उनसे पूछे कि क्या वे दया याचिका दाखिल करना चाहते हैं। कोर्ट ने निर्भया की मां से कहा, ‘हमें आपसे पूरी सहानुभूति है। हमें मालूम है कि किसी की मौत हुई है लेकिन यहां किसी अन्य के अधिकार की भी बात है। हम यहां आपको सुनने के लिए आए हैं लेकिन हम भी कानून से बंधे हैं।’
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सरकारी वकील ने अपनी दलील में कहा था कि दया याचिका लंबित रहने या फिर दोषी दया याचिका दाखिल करना चाहते हैं, ये तथ्य कोर्ट को डेथ वॉरंट जारी करने से नहीं रोक सकते। इसपर दोषी के वकील ने कहा किबिना सभी कानूनी विकल्प के खत्म हुए डेथ वॉरंट जारी नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट में मौजूद जेल ऑफिसर ने कहा कि अक्षय और मुकेश ने स्पष्ट कहा है कि वो दया याचिका दाखिल नहीं करेंगे। इसपर जज कहा किहर दृष्टि से कानून का पालन किया जाएगा।