नई दिल्ली। प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं। जिसको लेकर लोगों के आंखों से आंसू निकल रहे हैं। हर किसी का सिर्फ एक ही बात कहना है प्याज इतनी महंगी क्यो है। लेकिन घबराने की बात नहीं है अगले हफ्ते से प्याज के दामों में मंदी होने वाली है।
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कम होंगे प्याज के दाम
केंद्र सरकार ने महंगे प्याज से निकले जनता के आंसू पोंछने के लिए प्याज का आयात किया है। विदेश से 1.10 लाख टन प्याज 10 दिसंबर से आना शुरू हो जाएगा। सरकार ने यह प्याज 52 से 55 रुपये प्रति किलो में मंगाया है। मंगलवार को मुंबई में प्याज की कीमत 120 रुपये प्रति किलो तक हो गई।
6000 टन भारत आ चुका, और पहुंचने वाला है
बुधवार को अनियन एक्सपोर्टर्स असोसिएशन(OEA) के एक अधिकारी ने बताया कि मिस्र, तुर्की और नीदरलैंड से देशभर में अबतक 6000 टन प्याज अब तक पहुंच चुका है। अधिकारी ने बताया कि पिछले 3 हफ्तों में 6,000 टन प्याज की खेप भारत पहुंच चुकी है और अगले 2-3 दिनों में 1,000 टन और पहुंच जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, आयातित प्याज के लिए ट्रेडर्स को 45 से 55 रुपये किलो का भाव देना पड़ रहा है। इस भाव पर प्याज की खरीदारी से कीमतों में थोड़ी नरमी आ सकती है क्योंकि फिलहाल होलसेल में प्याज के दाम 75 से 100 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं। लासलगांव मंडी में बुधवार को प्याज के भाव 2500 से 8812 रुपये प्रति क्विंटल थे।
How is the Onion price ?
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High Sir .GDP ?
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Create Whatsapps edits on Gandhi,Nehru and forward .— Prince Fan (@Ravianenenu) December 3, 2019
क्यों कीमतें बढ़ी
बेमौसम बारिश ने प्याज की उपज को बुरी तरह से प्रभावित किया। महाराष्ट्र में प्याज की फसल साल में तीन बार (खरीफ, लेट खरीफ और रबी) होती है। साल 2016-17 में महाराष्ट्र में कुल 4.71 लाख हेक्टेयर जमीन में प्याज लगाया गया और उपज करीब 89.36 लाख टन हुई थी। मगर साल 2017-18 में 5.27 लाख हेक्टेयर में प्याज की उपज 72.16 लाख टन हुई। इन दोनों साल प्याज की कीमतें बहुत कम हो गई थीं। तब तत्कालीन फडणवीस सरकार ने किसानों को आर्थिक मदद दी थी। प्याज की कीमतें गिरने से साल 2018-19 में किसानों ने प्याज कम लगाया था, फिर भी पैदावार 80.47 लाख टन हुई थी। 65 लाख टन प्याज राज्य में इस साल होने का अनुमान 80.47 लाख टन उपज हुई थी।
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