नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पिछले दिनों लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिला। अब जब लोगों में इतना आक्रोश है तो विपक्षी पार्टियों में कितना होगा। इसका अंदाजा आप उनके प्रदर्शन को देखकर लगा सकते हैं। अब इसी के खिलाफ विपक्षी दलों ने आज मीटिंग बुलाई। लेकिन इससे पहले ये मीटिंग हो पाती उससे पहले ही उसपर फूट पड़ती नजर आई।
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इन नेताओं की हुई मनाही
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के बाद अब बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी बैठक में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय लिया है। उधर, अब आम आदमी पार्टी भी इस बैठक में शामिल नहीं होगी। बता दें कि, इस मीटिंग के माध्यम से इस मसले को लेकर विपक्षी एकता का संदेश दिया जाना था।
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ममता बनर्जी की तरह ही बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी बैठक से पहले कांग्रेस पर ही जमकर निशाना साधा। अपने ट्वीट में मायावती ने लिखा, ‘जैसा कि विदित है कि राजस्थान में कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिए जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहां बीएसपी के विधायकों को तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतयाः विश्वासघाती है। ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा। इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी।’
1. जैसाकि विदित है कि राजस्थान कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिये जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहाँ बीएसपी के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतयाः विश्वासघाती है। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) January 13, 2020
मायावती की केंद्र को अपील
अपने ट्वीटर अकाउंट पर मायावती ने लिखा कि, ‘वैसे भी बीएसपी CAA/NRC आदि के विरोध में है। जेएनयू और अन्य शिक्षण संस्थानों में भी छात्रों का राजनीतिकरण करना यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है। केन्द्र सरकार से फिर अपील है कि वह इस विभाजनकारी और असंवैधानिक कानून को वापिस ले।’
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3. वैसे भी बीएसपी CAA/NRC आदि के विरोध में है। केन्द्र सरकार से पुनः अपील है कि वह इस विभाजनकारी व असंवैधानिक कानून को वापिस ले। साथ ही, JNU व अन्य शिक्षण संस्थानों में भी छात्रों का राजनीतिकरण करना यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण। 3/3
— Mayawati (@Mayawati) January 13, 2020