क्या सच में बाबा रामदेव की पतंजलि ने खोज ली कोरोना की दवा?

by Mahima Bhatnagar
Ramdev

नई दिल्ली। पतंजलि ग्रुप ने कहा है कि उसने जरुरी रेग्यूलेटरी मंजूरियों को हासिल करने के बाद मानव में COVID-19 के इलाज के लिए क्लीनिक्ल ट्रायल शुरू कर दिया है। बता दें कि पतंजलि ग्रुप की फ्लैकशिप यूनिट तमाम कंज्यूमर प्रोडक्ट और आयुर्वेदिक दवाएं बनाती और बेचती है। पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने कहा हम यहां किसी इम्यूनिटी बूस्टर की बात नहीं कर रहें। यहां कोरोना के इलाज की बात हो रही है। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते रेग्यूलेटरी मंजूरी मिलने के बाद कंपनी ने इंदौर और जयपुर में यह क्लीनिकल ट्रायल शुरु किया है।

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ये कंपनियां भी जुटी हुई हैं दवाई की खोज में

कोरोना के इलाज में अभी तक दुनिया की बड़ी फार्मा कंपनियों का नाम ही आ रहा था जिसमें गिलियड साइंसेज, फाइजर, जॉनसन एंड जॉनसन, मॉडर्ना, इनोवियो फार्मा और ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन जैसे नाम शामिल है जो कोरोना की दवा और वैक्सीन की खोज में जी-जान से जुटी हुई हैं। इन बड़ी कंपनियों की सूची में पतंजलि का नाम भी जुड़ना पतंजलि के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

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योगा गुरु और उद्यमी बाबा रामदेव द्वारा स्थापित पतंजलि ने बहुत बड़ा बिजनेस एम्पायर खड़ा कर लिया है। वित्त वर्ष 2019 में पतंजलि आयुर्वेद का टर्नओवर 8,500 करोड़ रुपये था और कंपनी में 50000 कर्मचारी काम कर रहे थे। ब्रोकरेज हाउस सीएलएसए और एचएसबीसी की राय है कि पतंजलि भारत की सबसे तेजी से बढ़ती एफएमसीजी कंपनी है। हालांकि विस्तार योजनाओं में लापरवाही और उत्पादों की गुणवत्ता से जुड़ी शिकायतों की वजह से कंपनी को झटका लगा है। कोरोना महामारी के इलाज के लिए क्लीनिक्ल ट्रायल शुरु करना कंपनी का अति उत्साही कदम है।

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आचार्य बालकृष्ण ने बताया है कि पतंजलि ग्रुप में फरवरी 2020 से ही COVID-19 के मरीजों का इलाज शुरु कर दिया था। मार्च तक पतंजलि ने कई हजार कोरोना मरीजों का इलाज किया लेकिन यह मरीज किसी साक्ष्य आधारित क्लीनिक ट्रायल का हिस्सा नहीं थे। अपनी खोज को इलाज के रुप में पंजीकृत करवाने के लिए हमें क्लीनिक्ल ट्रायल से गुजरना होगा। इसी को ध्यान में रखकर कंपनी ने क्लीनिक्ल ट्रायल पर रेग्यूलेटरी मंजूरी लेकर ये ट्रायल शुरु किया है।