RBI: 31 अगस्‍त तक लोन EMI पर मिली मोहलत

by Mahima Bhatnagar
RBI

कोरोना संकट के बीच, केंद्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्‍तिकांत दास ने एक बार फिर लोन की EMI भुगतान टालने (मोरेटोरियम) की सुविधा को बढ़ा दिया है। मतलब ये कि लोन की मासिक किस्त यानी EMI देने वाले ग्राहकों को कुल 6 महीने यानी 31 अगस्त तक की राहत मिल गई है।

इसका मतलब ये हुआ कि आप कुल 6 महीने तक लोन या क्रेडिट कार्ड की मासिक किस्त (EMI) देने से बच सकते हैं। आपको बता दें कि बीते 27 मार्च को आरबीआई ने पहली बार बैंकों से EMI भुगतान टालने यानी मोरेटोरियम को कहा था। इसके बाद बैंकों ने 3 महीने के लिए अपने ग्राहकों को EMI भुगतान टालने की छूट दी है। लेकिन अब इसी छूट को अतिरिक्‍त 3 महीने के लिए बढ़ाया गया है। इस दौरान लोन की ईएमआई देने के लिए बैंक आप पर दबाव नहीं बना सकता है। इसके साथ ही आप डिफॉल्टर भी नहीं कहे जाएंगे। मतलब ये कि आपके क्रेडिट स्कोर पर भी कोई असर नहीं पड़ने वाला है। हालांकि, इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि आपकी ईएमआई माफ कर दी जाएगी।

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आपको ईएमआई देनी होगी, वो भी ब्‍याज के साथ। बीते दिनों देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने इसे होम और कार लोन का उदाहरण देते हुए ये बताया था कि आप अगर इस सुविधा को लेते हैं तो आपको कितना नुकसान होगा।

EMI पर तीन महीने की अतिरिक्‍त छूट

लोन की किस्‍त देने पर 3 महीने की अतिरिक्‍त छूट दी गई है। दरअसल, आरबीआई ने लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर बैंकों से 3 महीने के लिए लोन और ईएमआई पर छूट देने को कहा था। इसके बाद अधिकतर बैंकों ने इसे 3 महीने के लिए लागू कर दिया था।

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अब आरबीआई के नए ऐलान के बाद ग्राहकों को कुल 6 महीने की छूट मिल जाएगी। मतलब ये कि आप कुल 6 महीने तक लोन की ईएमआई नहीं देना चाहते हैं तो बैंकों की ओर से कोई दबाव नहीं पड़ेगा। वहीं, आपका क्रेडिट स्‍कोर भी दुरुस्‍त रहेगा। यानी बैंक की नजर में आप डिफॉल्‍टर नहीं होंगे। हालांकि, इसके लिए आपको अतिरिक्‍त ब्‍याज देना होगा।

नेगेटिव रहेगी GDP

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने जीडीपी को लेकर चिंता जताई और कहा कि वित्त वर्ष 2021 में गिरावट आएगी और यह नेगेटिव रह सकता है। आरबीआई की ये आशंका अगर सच में बदलती है तो भारत के लिए चुनौती बढ़ जाएगी।

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राजस्व बहुत अधिक प्रभावित

शक्‍तिकांत दास ने कहा कि महामारी के बीच आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने से सरकार का राजस्व बहुत अधिक प्रभावित हुआ है। हालांकि, 2020-21 में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 9.2 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अभी 487 बिलियन डॉलर का है। यह राजकोष के लिहाज से अच्‍छी खबर है।