भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बुधवार को घरेलू उपयोग के लिए देश की पहली कोविड-19 स्व-परीक्षण किट को मंजूरी दे दी । इसका फायदा यह है अब कोई भी अपना स्वयं का सैंपल लेकर कोविड का परीक्षण कर सकता है।
क्या है कोविसेल्फ?
कोविसेल्फ (CoviSelf) को पुणे स्थित आणविक कंपनी मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस द्वारा विकसित किया गया है। यह एक रैपिड एंटीजन टेस्ट का उपयोग करता है, जिसमें वायरस के लिए नाक के स्वाब के नमूने का परीक्षण किया जाता है और 15 मिनट के भीतर परिणाम देता है। परीक्षण में मुश्किल से दो मिनट लगते हैं। इस परीक्षण किट की कीमत 250 रुपये है, जबकि आरटी-पीसीआर परीक्षण की लागत 400 रुपये से 1500 रुपये के बीच है और प्रयोगशाला में रैपिड एंटीजन परीक्षण की लागत विभिन्न राज्यों में 300 से 900 रुपये है।
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कंपनी की वर्तमान उत्पादन क्षमता प्रति सप्ताह 70 लाख किट है, और इसकी योजना अगले पखवाड़े में प्रति सप्ताह एक करोड़ किट तक बढ़ाने की है। कंपनी ने कहा कि किट भारत में कम से कम सात लाख केमिस्ट और ई-फार्मेसी पोर्टल्स पर उपलब्ध होंगी।
यह परीक्षण माईलैब के मोबाइल ऐप के साथ जुड़ता है ताकि उपयोगकर्ता परीक्षण की स्थिति जान सके और ट्रेसबिलिटी के लिए सीधे आईसीएमआर को परिणाम जमा कर सके, और यह जान सके कि किसी भी परिणाम में आगे क्या करना है। कंपनी का दावा है की यह दूसरी और बाद की लहरों को कम करने में एक बड़ी भूमिका निभाएगा।
स्व-परीक्षण किट की भूमिका क्या होगी?
कई राज्य डायग्नोस्टिक लैबोरेट्रीज पर दबाव बनाते हुए संक्रमण के दूसरे दौर से गुजर रहे हैं। आरटी-पीसीआर परीक्षण, जिसे कोविड-19 परीक्षण के लिए स्वर्ण मानक माना जाता है, परिणाम देने में 3-4 दिन लगते हैं, अस्पताल में भर्ती होने और उपचार में देरी होती है।
स्व-परीक्षण किट संभावित रूप से भारत में कोविड -19 प्रबंधन में गेम-चेंजर हो सकती है। ये प्रयोगशालाओंके बोझ में कटौती कर सकते हैं, टेस्टिंग की लागतकम कर सकते हैं, घरों से नमूना संग्रह के लिए मौजूदा संसाधनों पर बोझ को कम कर सकते हैं, और त्वरित परिणाम प्रदान कर सकते हैं, जिससे त्वरित उपचार और बचाव हो सकता है।
इस परीक्षण का उपयोग कौन कर सकता है?
ICMR ने इस परीक्षण की सलाह केवल उन लोगों को दी है जिनमें लक्षण हैं या वे सकारात्मक रोगियों के संपर्क में हैं और जिन्हें घर पर परीक्षण करने की आवश्यकता है। यदि इसमें व्यक्ति पॉजिटिव आता है, तो व्यक्ति को कोविड-19 पॉजिटिवमाना जाएगा और उसे पुष्टिकरण परीक्षण के रूप में आरटी-पीसीआर की आवश्यकता नहीं होगी। आइसोलेशन और हाई रिस्क कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए सभी सरकारी दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा। यह परीक्षण एक मोबाइल ऐप, CoviSelf के साथ समन्वयित है, जो ICMR पोर्टल पर सकारात्मक मामले की रिपोर्ट को सीधे फीड करने में मदद करेगा।
अगर किसी व्यक्ति का टेस्ट नेगेटिव आता है लेकिन उसके लक्षण हैं, तो उसे आरटी-पीसीआर करानेकी सलाह दी गई है।
टेस्ट कैसे करना है?
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किट में पहले से भरी हुई एक्स्ट्रेक्शन ट्यूब, स्टेराइल नेज़ल स्वैब, टेस्टिंग कार्ड और बायोहाज़र्ड बैग होता है। सबसे पहले CoviSelf ऐप डाउनलोड करें और अपनी सारी जानकारी दर्ज करें। ऐप आईसीएमआर पोर्टल से जुड़े एक सुरक्षित सर्वर पर डेटा कैप्चर करेगा, जहां सभी परीक्षण रिपोर्ट सरकार के लिए उपलब्ध हैं।
टेस्ट करने से पहले अपने हाथों को सैनिटाइज करें और उस सतह को साफ करें जिस पर किट लगाई जानी है। स्वाब को अपनी नाक में 2-4 सेंटीमीटर अंदर डालें, या जब तक यह नाक के पिछले हिस्से को न छू ले, और नमूना लेने के लिए इसे अच्छी तरह से रगड़ें। फिर स्वाब को एक्स्ट्रेक्शन ट्यूब के अंदर घुमाया जाता है ताकि अंदर के तरल के साथ सैंपल को मिलाया जा सके।उसके बाद ट्यूब को कसकर बंद कर दिया जाता है, और एक्स्ट्रेक्शन ट्यूब के आउटलेट से दो बूंदों को परीक्षण कार्ड पर गिरा दिया जाता है।
परिणाम 15 मिनट के भीतर आता है। यदि परीक्षण कार्ड पर दो लाइनें दिखाई देती हैं, तो व्यक्ति कोविड -19 के लिए पॉजिटिवहै। यदि व्यक्ति नकारात्मक है, तो मार्कर ‘सी’ पर एक लाइनदिखाई देती है। यदि परिणाम प्रदर्शित होने में 20 मिनट से अधिक समय लगता है, या मार्कर ‘c’पर कोई लाइन नहीं दिखतीहै, तो परीक्षण अमान्य है।
परीक्षण के बाद ट्यूबऔर स्वाब को बायोहाजर्ड बैग में सील कर दें और इसे बायोमेडिकल वेस्ट के रूप में डिस्पोज कर दें।
क्या हैं इसके फायदे और नुकसान?
अस्पताल या लैब में जाने या घर पर किसी एक्सपर्ट को बुलाने के बजाय घर पर खुद का परीक्षण करने वाला व्यक्ति, दूसरों को इन्फेक्शनके जोखिम को कम करता है। इसमें स्वाब संग्रह काफी सरल और त्वरित है, जिससे ये परीक्षण खर्चऔर प्रयोगशालाओंके तनाव को कम करता है। स्व-परीक्षण उन प्रयोगशालाओं पर बोझ को कम करेगा जो वर्तमान में 24 घंटे काम कर रहे हैं, जो पहले से ही संतृप्त जनशक्ति के साथ पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं।
इतने फायदे होने के बावजूद भी, परिणामों की विश्वसनीयता एक प्रमुख चिंता का विषय बनी हुई है। सैंपलसही ढंग से एकत्र नहीं होने या स्वाब स्टिक के दूषित होने की संभावना अधिक होती है।
इसके अलावा, रैपिड एंटीजन परीक्षण झूठे नेगेटिव होने की उच्च संभावना के साथ आते हैं। यह एक कोविड-संक्रमित व्यक्ति को सुरक्षा की झूठी भावना दे सकता है। लेकिन अब तक की सबसे बड़ी चिंता पॉजिटिव मरीजों का पता लगाने में हो रही दिक्कत है। एक व्यक्ति मोबाइल ऐप पर गलत पता और विवरण फीड कर सकता है, जिससे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करना असंभव हो जाता है। वैकल्पिक रूप से, मोबाइल ऐप में तकनीकी त्रुटियां संपूर्ण परीक्षण और रिपोर्टिंग प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं।
जबकि एक रैपिड एंटीजन परीक्षण बड़ी जनसंख्या के परीक्षण का सबसे तेज और किफायती तरीका है, परंतु परीक्षण के लिए इस पर अधिक निर्भरता उचित नहीं है।