इंटरमीडिएट परीक्षा में खराब रिजल्टे के बाद सूबे के सैंकड़ों अनुदानित स्कूल सरकारी जांच के घेरे में हैं| सरकार ने कड़े लहजे में कहा है कि अगर स्कूल सिर्फ कागजों पर चल रहे हैं और यहां के छात्रों का भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है तो तत्काल इसके अनुदान पर रोक लगाई जाएगी| राज्य के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी और मुख्य सचिव ने इस काम को प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए हैं| मंत्री और मुख्यसचिव ने शिक्षा विभाग से कहा है कि अनुदान पर चलने वाले वैसे स्कूल जहां एक भी छात्र पास नहीं हो सके उनकी जांच पहले हो| इन स्कूलों को सूचीबद्ध करने का निर्देश विभाग को दिए गए हैं|
प्रदेश में अनुदान पर चलने वाले माध्यमिक स्कूलों की कुल संख्या 508 है जबकि उच्च माध्यमिक स्कूलों की संख्या 780 है| हाल ही में आए इंटर रिजल्ट के बाद यह बात सामने आई है कि तकरीबन छह सौ स्कूल ऐसे हैं जहां पढ़ने वाला एक भी छात्र पास नहीं हो सका है| जिसके बाद मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि वो ऐसे स्कूलों की सूची सरकार को मुहैया कराए| मुख्य सचिव ने कड़े लहजों में कहा है कि विभाग जांच करे कि सरकार के अनुदान पर चल रहे स्कूलों में छात्रों के लिए सुविधा क्या है?