नीतीश सरकार गंगा में उत्पन्न हो रहे गाद की समस्या का वैज्ञानिक अध्ययन कराएगी। इसके लिए आईआईटी कानपुर के प्राध्यापक डॉ. राजीव सिन्हा की देखरेख में काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी दे दी। छह महीने में अध्ययन पूरा होने के बाद इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जायेगी। इसके लिए 42 लाख 93 हजार रुपये मंजूर किये गये हैं। कैबिनेट की बैठक के बाद प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि विभिन्न विभागों के 23 एजेंडों को मंजूरी दी गयी है। अध्ययन के दौरान गंगा नदी में बक्सर से फरक्का के बीच निरंतर जमा हो रही गाद से राज्य पर पड़ने वाले कुप्रभावों और इससे उत्पन्न हो रही अन्य समस्याओं का पता लगाया जायेगा|