नई दिल्ली। आज मोदी सरकार की तरफ से जम्मू-कश्मीर को लेकर एतिहासिक फैसला लिया गया। जिसमें अनुच्छेद 370 खत्म करने का ऐलान किया गया। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग राज्य बनाने का प्रस्ताव भी दिया गया। यानि अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा। जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश रहेगा।
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Jammu & Kashmir Government: Restrictions imposed under section 144 CrPC in district Srinagar with effect from midnight 5th August (Monday) which shall remain in force till further orders. There shall be no movement of public & all educational institutions shall also remain closed pic.twitter.com/B1tX8KHoWz
— ANI (@ANI) August 4, 2019
गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में एक संकल्प पेश किया। इस संकल्प में उन्होंने कहा कि, संविधान के अनुच्छेद-370 के सभी खंड़ जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होंगे। अमित शाह ने राज्यसभा में कहा, “महोदय, मैं संकल्प प्रस्तुत करता हूं कि यह सदन अनुच्छेद 370(3) के अंतर्गत भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी की जाने वाली निम्नलिखित अधिसूचनाओं की सिफारिश करता है। संविधान के अनुच्छेद 370(3) के अंतर्गत भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 खंड 1 के साथ पठित अनुच्छेद 370 के खंड 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति संसद की सिफारिश पर यह घोषणा करते हैं कि यह दिनांक जिस दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा इस घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे और इसे सरकारी गैजेट में प्रकाशित किया जाएगा उस दिन से अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे, सिवाय खंड 1 के”
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संविधान के अनुच्छेद 370(3) के अंतर्गत जिस दिन से राष्ट्रपति द्वारा इस सरकारी गैजेट को स्वीकार किया जाएगा, उस दिन से अनुच्छेद 370 (1) के अलावा अनुच्छेद 370 के कोई भी खंड लागू नहीं होंगे: गृह मंत्री श्री @AmitShah #BharatEkHai pic.twitter.com/3sJF8xuC7V
— BJP (@BJP4India) August 5, 2019
आगे अमित शाह ने जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन विधेयक 2019 राज्य सभा में पेश किया। इसके तहत जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया गया है। जम्मू-कश्मीर का पहला हिस्सा जम्मू-कश्मीर ही होगा। ये दिल्ली की तरह एक केंद्र शासित प्रदेश होगा। यहां पर एक विधानसभा होगी। अबतक जम्मू-कश्मीर के साथ रहने वाला लद्दाख अब अलग केंद्र शासित प्रदेश हो गया है। लद्दाख में विधानसभा नहीं रहेगी।
अमित शाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लद्दाख के लोगों की लंबे समय से मांग रही है कि लद्दाख को केंद्र शासित राज्य का दर्ज दिया जाए, ताकि यहां रहने वाले लोग विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।