रामपुर को नवाब फैजुल्लाह खां ने बसाया था इस शहर में सबसे ज्यादा काम जरी-जरदोजी, प्लाईवुड, चीनी मिट्टी व कपड़ों का होता है और पहले इसी के लिए जाना जाता था लेकिन आजम खान ने इस शहर को नई पहचान दी है वो रामपुर से नौ बार विधायक बन चुके है | 1980 के बाद से लेकर आज तक कोई ऐसा इलेक्शन नहीं हुआ है, जिसमें आजम खान की भागीदारी ना रही हो, लेकिन 2004 के चुनाव में नवाब परिवार की नूर बानो को हराने के लिए अभिनेत्री जयाप्रदा को रामपुर से चुनाव लड़वाया गया |आजम खान की अमर सिंह से अनबन रहने लगी ऐसे में जया जो अमर सिंह के शिष्या थी चुनाव जीत कर संसद बन गई | जया प्रदा ने सपा से टिकट लेकर जीत दर्ज की थी इससे पहले आरएलडी के टिकट पर वो चुनाव हार चुकी थी |
आजम खान के जीतने के कारण –
- रामपुर सीट पर मुस्लिम समुदाय की संख्या 50 फीसदी से भी अधिक है।
- २- 9 बार विधायक रह चुके आजम खान का गढ़ मानी जाती है।
- ज्यादातर विधानसभा सीटों पर सपा का ही कब्जा है।
- आजम खान यहां सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे और इस बार सपा-बसपा साथ में होने का सीधा फायदा उन्हें मिला |
इसे भी पढ़ें: प्रियंका गांधी ने किसके डर से बनारस सीट से वापस लिया नाम?
जयाप्रदा ने अपनों पर साधा निशाना और कहा
जयाप्रदा ने हार को स्वीकार करते हुए कहा की रामपुर की जनता ने उन्हें वोट भी दिए है लेकिन कुछ लोगो की नाराजगी भी रही है ,वो रामपुर की रहने वाली है और रामपुर में ही रहूंगी |उसके बाद उन्होंने अपनी ही पार्टी के कुछ लोगों को इस हार का जिम्मेदार भी ठहराया | जयप्रदा ने कहा ऐसे जितने भी लोग पार्टी में है और विपक्ष की मदद करते है उन पर जल्द ही सख्त निर्णय लिए जायेंगे | उन्होंने मुस्लिम पक्ष के लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा की बीजेपी में होने बाद भी वो उनका साथ कभी नहीं छोड़ेंगी रामपुर हिन्दू मुसलमानो की धरती है मैंने भी आप लोगो को ईद पर मिठाई भेजी और खाई है |
इसे भी पढ़ें: फानी तूफान बना लोगों के लिए आफत