नई दिल्ली/ पटना: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग होकर एनडीए के साथ मिलकर सरकार बनाने से खफा शरद यादव का जदयू पर उनके दावे को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया| दूसरी ओर राज्यसभा सचिवालय ने शरद यादव और अली अनवर को नोटिस जारी कर नीतीश खेमे की तरफ से उनकी सदस्यता रद्द करने की याचिका पर एक सप्ताह के भीतर जवाब भी मांगा गया है।
चुनाव आयोग ने शरद यादव खेमे को भेजे एक संदेश में कहा है कि उन्होंने खुद के असली जदयू होने के दावे के समर्थन में दस्तावेज पेश नहीं किए हैं, इसलिए उनकी याचिका खारिज की जाती है। चुनाव आयोग के इस संदेश से स्पष्ट हो गया की नीतीश कुमार की जदयू ही असली जदयू है|
वही पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि अब राज्यसभा सभापति को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते शरद व अली अनवर की सदस्यता रद्द करने के लिए एक आधार मिल सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस व राजद के सहयोग से कुछ नेता भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन आयोग के निर्णय से यह साफ हो जाता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूरी पार्टी एकजुट है|
गौरतलब है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पहले ही जदयू शरद को राज्यसभा में अपने नेता के पद से हटा चुकी है|