क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत ने बीजेपी को किया मजबूत

by Mahima Bhatnagar
Jyotiraditya-Scindia-bjp

नई दिल्ली। म.प्र में बीजेपी और कांग्रेस के बीच शह और मात का खेल चल रहा है। अचनाक से सिंधिया ने बीजेपी का दामन थाम लिया जिसके कारण मध्य प्रदेश की सत्ता का समीकरण ही नहीं बल्कि राज्यसभा की तीन सीटों का चुनावी गणित भी बदल गया है। कांग्रेस की दो राज्यसभा सीट जीतने के सपने को सिंधिया के समर्थक और विधायकों ने पूरी तरह से धूमिल कर दिया है और अब इस सीट पर भी बीजेपी की जीत तय मानी जा रही है।

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मध्य प्रदेश की इन 3 सीटों पर होंगे चुनाव

मध्य प्रदेश में राज्यसभा की 3 सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होने वाले हैं। जिन सीटों के लिए चुनाव होने हैं उनमे से एक-एक सीट कांग्रेस और बीजेपी के नाम दर्ज है। लेकिन तीसरी सीट को लेकर चुनावी सरगर्मी बनी हुई है। कांग्रेस विधायकों के बगावत के बाद दूसरी सीट पर कांग्रेस की पकड़ कमजोर और बीजेपी की स्थिति मजबूत हुई है।

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मध्य प्रदेश कोटे से बीजेपी के प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया तो कांग्रेस के दिग्विजय सिंह का राज्यसभा कार्यकाल पूरा हो रहा है। बीजेपी ने मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया और हर्ष चौहान को राज्यसभा प्रत्याशी बनाने की घोषणा की है। सियासी संकट से पहले बीजेपी के कोटे में महज एक राज्यसभा सीट जाती दिख रही थी, लेकिन अब दूसरी सीट पर भी बीजेपी कब्जा जमा सकती है।

कांग्रेस-बीजेपी के बीच शह-मात का खेल शुरू

मौजूदा विधायकों के आंकड़ों के लेकर राज्यसभा की तीसरी सीट के लिए कांग्रेस और बीजेपी के बीच शह-मात का खेल शुरू हो गया है। मध्य प्रदेश में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं और इसमें से दो सीट खाली हैं, जिसके बाद कुल संख्या 228 है। सिंधिया की बगावत के साथ अब तक 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा सौंपा है। ऐसे में अगर इन कांग्रेसी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो कुल संख्या 206 हो जाएगी।

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बदल गए सियासी समीकरण

ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी का दामन थामने और 22 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देने के बाद सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं। कांग्रेस के 114 में से 22 का इस्तीफा और 4 मिसिंग के बाद अब यह आंकड़ा 88 पहुंच गया है। इनमें चार निर्दलीय विधायकों को जोड़ लें तो 92 ही पहुंचता है। वहीं, बीजेपी के पास फिलहाल 107 विधायक हैं। इसके अलावा बसपा के दो और सपा एक विधायक भी हैं। इस तरह से बीजेपी की झोली में दूसरी सीट भी जानी तय मानी जा रही है।