कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। नतीजों के शुरुआती रुझान भी आने लगे हैं। शुरुआती रुझानों में भाजपा को बढ़त मिलती हुई दिख रही है। हालांकि कांग्रेस भी शुरुआती रुझानों में भाजपा के नजदीक ही दिख रही है। भाजपा कांग्रेस और जनता दल (एस) ने जबरदस्त चुनाव प्रचार किया। एक तरफ भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव के अंतिम दिनों में दनादन 21 रैलियां की तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पूरे कर्नाटक में जबरदस्त चुनाव अभियान चलाते हुए भाजपा के जवाबी हमलों का करारा जवाब दिया। इन दोनों ही दलों के राष्ट्रीय नेताओं इस चुनाव के लिए खूब पसीना बहाया। अब आज के नतीजे इन नेताओं के राजनीतिक रसूख को बखूबी दर्शाएँगे।
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अब यह कुछ ही घंटों में पता चल जायेगा कि कर्नाटक में भाजपा-कांग्रेस और जनता दल (एस) में से किसको बहुमत मिलता है। हालांकि कुछ राजनीतिक एक्सपर्ट का कहना है कि राज्य में इस बार किसी को बहुमत मिलने के आसार कम नजर आते हैं और कांग्रेस और भाजपा में कांटे की टक्कर है वहीं कुछ इलाकों में जद (एस) बेहतर प्रदर्शन करते हुए इस चुनावी जंग को दिलचस्प बना रही है। ऐसे में कर्नाटक विधानसभा चुनाव का परिणाम क्या होता है यह देखने वाली बात होगी।
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बताते चले कि वोटों की गिनती के मद्देनजर सुरक्षा कारणों से 11,000 पुलिस अधिकारियों, 1 रैपिड एक्शन फोर्स कंपनी और 20 कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस को बेंगलोर में तैनात किया गया है।
गौरतलब है कि कर्नाटक में जीत हासिल होने पर भाजपा को बड़ा सियासी लाभ मिलेगा। गठबंधन की खटपट पर पूर्णविराम लगने के साथ ही मोदी-शाह की अजेय छवि पर भी मुहर लगेगी। सकारात्मक परिणाम का असर भाजपा शासित राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के अलावा लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा। यही कारण है कि पार्टी ने त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में जद-एस को हर हाल में मनाने की रणनीति बनाई है। वही दूसरी तरफ कर्नाटक में सत्ता बरकरार रखने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का सियासी कद बढ़ेगा। साथ ही पार्टी को लोकसभा चुनाव से पहले होने वाले मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ चुनाव के लिए नई ऊर्जा मिलेगी।