कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है,चाहे वो बड़े शहर में हो या छोटे शहरों में| अगर किसी में प्रतिभा है तो वो लोगों की नजरों में आ ही जाती है| कुछ यही कहानी है कटिहार जैसे शहर में रहने वाली पूजा की| पैरों में बूट,हाफ पैंट और टी-शर्ट पहनकर विपक्षी टीमों के छक्के छुड़ाने वाली इस लड़की को लोग प्यार से ‘मैडम मराडोना’ के नाम से पुकारते हैं| पुकारें भी क्यों ना,अभी हाल ही में पटना में संपन्न हुए एक टूर्नामेंट में पूजा ने सर्वाधिक दस गोल किए और सर्वाधिक गोल करने का खिताब अपने नाम किया| पूजा जब फुटबॉल के मैदान में उतरती है तो विपक्षी टीम के खिलाड़ी भी उसकी हुनर देखकर दंग रह जाते हैं और उसके खेल पर तालियां बजाते हैं| यही कारण है कि आज पूजा का सेलेक्शन अंडर 19 राष्ट्रीय टीम में हुआ है| ये बात सुनकर पूजा के आंखों से आँसू निकल जाते हैं वो कहती है कि उसने इस लक्ष्य को पाने के लिए कठिन तपस्या की है| जब बच्चे घरों में मस्ती करने के मूड में होते हैं, तभी वो अपनी जर्सी डालकर कोच के साथ अभ्यास में जुटी होती है| शहर के ही दसवीं क्लास में पढ़ने वाली पूजा दस नंबर की जर्सी पहनकर मैदान में उतरती है और बिजली की रफ्तार से मैदान में विपक्षियों को छकाती है|
फुटबॉलर पूजा की पारिवारिक कहानी भी संघर्षों से भरी है| पूजा के माता-पिता सब्जी बेचते हैं,पूजा भी फुर्सत के क्षणों में उनका हाथ बंटाती है| और तो और जब उसके पिता थक जाते हैं तो पूजा अपने परिवार के लिए ठेला खींचने से भी संकोच नहीं करती| एक मां को आज अपने बेटी पर गर्व है और उसकी लगन देखकर उसके आंखों में आँसू आ जाते हैं वो कहती हैं कि बेटियों के पैर में बेड़ियां नहीं बांधनी चाहिए| बेटियां बोझ नहीं होतीं जब वो इतने गरीब होकर और कमाकर बेटी की खातिर त्याग कर सकते हैं तो और लोग क्यों नहीं? आज पूजा के चलते माता-पिता का गर्व से सर उँचा है| पूजा राष्ट्रीय टीम के साथ दुबई जाने वाली है जहां वो अपनी प्रतिभा दिखाएगी|
पूजा जिस घर से आती है उस परिवार के लिए विदेश जाना ख्वाब से कम नहीं है| पूजा की मानें तो उसकी इस उंचाई तक पहुंचने में परिवार ने भरपूर साथ निभाया| आगे पूजा एक सफल फुटबॉल खिलाड़ी बनना चाहती है| पूजा का कहना है कि वो प्रतिदिन शाम में स्कूल जाकर फुटबॉल की प्रैटिक्स करती है| सुबह स्कूल जाने और परिवार के काम में हाथ बंटाने के कारण उसे समय नहीं मिल पाता है| वो उन पैरेंट्स से अपील करती है कि बेटियों का बाल विवाह नहीं करें| आज बेटी और बेटे में कोई फर्क नहीं है|
कटिहार की इस बेटी की कामयाबी पर अब सरकार की भी आंखे खुली है| सरकार के नुमाइंदे भी अब पूजा को हरसंभव मदद का भरोसा दिला रहे हैं और जिला प्रशासन की ओर से हरसंभव सहयोग का भरोसा दे रहे हैं|