भोजपुरी एक्टर और गायक खेसारी लाल यादव को दादा साहब फाल्के अवार्ड से नवाजा गया है! सुनकर चौंक गए होंगे न आप? दरअसल चौंकने वाली बात है भी यह! अवार्ड पाकर खेसारी लाल यादव काफी खुश भी हैं! हों भी क्यों ना? आखिर अवार्ड भी इतना बड़ा मिला है! लेकिन जब आप इस अवार्ड की हकीकत जानेंगे तो आप भी चौंके बिना नहीं रह पाएँगे| दरअसल खेसारी लाल को जा अवार्ड मिला है वो असली दादा साहब फाल्के अवार्ड नहीं है! आप एक बार और चौंक जाएंगे लेकिन हकीकत यही है| खेसारी को जो दादा साहब फाल्के अवार्ड दिया गया है, वो वह अवार्ड नहीं है जिसे हम सब जानते हैं. खेसारी लाल को मिले अवार्ड का पूरा नाम ‘दादा साहब फाल्के अकादेमी अवार्ड’ है| खेसारी लाल यादव को यह अवार्ड 1 जून को मुंबई में दिया गया| खेसारी लाल यादव को यह अवार्ड भोजपुरी सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया है.
क्या है दादा साहब फाल्के अकादेमी अवार्ड?
दादा साहब फाल्के अकादेमी अवार्ड इसी नाम वाली एक निजी ट्रस्ट द्वारा दिया जाता है| इस ट्रस्ट से फिल्म अभिनेता जानी लीवर, निर्माता-निर्देशक पहलाज निहलानी और मिथुन चक्रवर्ती जैसे लोग जुड़े हैं| यह ट्रस्ट साल 2000 से हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों के कलाकारों को सम्मानित करती आ रही है|
खुश हैं खेसारी लाल
सम्मानित होने के बाद खेसारीलाल ने अपनी खुश जाहिर करते हुए कहा, ‘मुझे बेहद ख़ुशी है कि मुझे इस अवार्ड के काबिल समझा गया और मुझे यह अवार्ड दिया गया| मुझे अपनी भाषा भोजपुरी पर बेहद गर्व है.’ खेसारीलाल यादव ने अब तक 48 भोजपुरी फिल्मों में काम किया है | वे आज भोजपुरिया बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों के बीच सबसे ज्यादा डिमांडिंग स्टार हैं|