महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण में बोलते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि किसानों की समस्याओं का हल होना चाहिए| य़ोग गुरु ने कहा कि कुछ लोग किसानों की मौत को इवेंट मानते हैं| रामदेव ने कहा कि वो भी किसान के बेटे हैं और वो किसानों की तकलीफ को अच्छी तरह से जानते हैं| इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि किसान के जीवन में संघर्ष है लेकिन किसान की मौत को इवेंट नहीं बनाना चाहिए| योग गुरु ने कहा कि उन्होंने खुद किसानों की तकलीफ समझी है और एक करोड़ किसानों को उद्योग से जोड़ा है| अगले पांच सालों में और पांच लाख किसानों को पतंजलि से जोड़ने का लक्ष्य है जिससे किसान सबल बन सकें|
योग गुरु ने कहा कि बिहार में शहद का उत्पादन करीब 10 हजार टन होता है। यहां का सौ फीसद शहद पंतजलि ले लेगा। लेकिन, बिहार के किसानों के पास अवसर है। वे इससे ज्यादा उत्पादन करें, हम सारा शहद खरीद लेंगे। किसानों को उसका वाजिब मूल्य मिलेगा। यदि किसान 40 से 50 हजार टन भी शहद पैदा करते हैं तो हमें उसे लेने में कोई परेशानी नहीं है।
केवीके परिसर में स्थापित गुड़ प्रसंस्करण केंद्र पर बोलते हुए कहा कि किसान ऐसी इकाई लगाकर गुड़ तैयार करें, हम उसे खरीदेंगे। बिहारी खून में मेहनत रची बसी है। आप कोई भी काम करें हमारा सहयोग रहेगा। आंवला की खेती करिए, गिलोय लगाइए, हजारों कमाइए, खरीद पतंजलि करेगा।
आज पतंजलि के पास दुनिया की सबसे बड़ी फूड प्रोसेसिंग यूनिट है। लेकिन, इसके लिए हमने सरकारी सहयोग नहीं लिया। सरकार सहयोग करे तो अच्छी बात है। लेकिन, सबसे अच्छी बात यह है कि असहयोग नहीं करे। मेरा तो जीना व मरना हिंदुस्तान के लिए है।
वे शुक्रवार को शहर के गांधी मैदान में योग चिकित्सा सह साधना शिविर के दूसरे दिन लोगों को योग की शिक्षा देने के बाद पीपरा कोठी स्थित केंद्रीय कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित प्रगतिशील किसानों की सभा को संबोधित कर रहे थे।