आम तौर पर ये देखा जाता है कि मामला जितना बड़ा हो उतना ही प्रसिद्ध वकील को केस की पैरवी के लिए चुना जाता है| जाहिर है जितना प्रसिद्धि वाला वकील होगा उसकी फीस भी उसी के अनुसार होगी| लेकिन जब देश की तरफ से किसी बेगुनाह को बरी कराने का मामला हो तो ये जरुरी नहीं कि वो वकील ज्यादा फीस की डिमांड रखेगा| कुछ यही मामला है प्रसिद्ध वकील हरीश साल्वे का| हरीश साल्वे भारत सरकार की तरफ से बेगुनाह कुलभूषण जाधव का केस इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में लड़ रहे हैं| लोग ये अंदाजा लगा रहे हैं कि हरीश साल्वे इस केस के बदले भारत सरकार की तरफ से करोड़ों रुपए की फीस ले रहे होंगे| लेकिन जब आप हरीश साल्वे की फीस की सच्चाई जानेंगे तो आप दंग रह जाएंगे| हरीश साल्वे इस मुकदमे की पैरवी करने के लिए भारत सरकार से महज 1 रुपया अपनी फीस के तौर पर ले रहे हैं| ये जानकारी भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक ट्वीट कर दी है| दरअसल हरीश साल्वे की फीस के बारे में कई लोगों ने अपने अलग अलग मत लिखे जिनमें ज्यादातर ट्वीट में ये कहा गया कि उन्होंने सरकार से करोड़ों रुपए फीस के तौर पर लिए हैं| एक ट्वीट में तो यहां तक लिखा गया कि किसी दूसरे वकील ने भी इसी तरीके से पक्ष रखा होता और वो भी हरीश साल्वे से कम फीस में| इस ट्वीट के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जवाब लिखा, ‘यह ठीक नहीं है| हरीश साल्वे ने इस केस के लिए सिर्फ 1 रुपए फीस ली है’| इस ट्वीट के बाद कई लोगों ने हरीश साल्वे के सम्मान में भी ट्वीट किए|
गौरतलब है कि हेग स्थित आईसीजे में भारत की ओर से हरीश साल्वे ने दलीलें पेश कीं। उन्होंने पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करने के लिए कई तर्क पेश किए और कहा कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय और बुनियादी कानूनों की धज्जियां उड़ा दीं। साल्वे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं और उनकी गिनती देश के सबसे महंगे वकीलों में होती है। साल्वे देश के सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं।