बहुचर्चित चारा घोटाले मामले में जहाँ लालू की परेशानी दिन प्रतिदिन बढ़ती दिख रही है। वही दूसरी ओर उनका नसीब भी उनका साथ नहीं दे रहा। दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में रांची हाईकोर्ट में शुक्रवार को लालू प्रसाद की जमानत पर सुनवाई होनी थी, लेकिन हड़ताल की वजह से टल गई। लालू प्रसाद यादव के वकील चितरंजन सिन्हा का कहना है कि हाईकोर्ट में हड़ताल की वजह से लालू यादव के प्रोविजनल बेल पर आज सुनवाई नहीं हो सकी। अब 11 मई को सुनवाई होगी।
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अब तक
अब तक चारा घोटाला मामले में लालू को दो अलग-अलग धाराओं में सात-सात साल की सजा सुनाई गई है। लालू ने मेडिकल ग्राउंड पर प्रोविजनल बेल मांगी है। जाहिर है, जमानत मिल जाने पर दूसरे मामलों में बेल मांगने का लफड़ा नहीं रहेगा। बेहतर इलाज के नाम पर हाईकोर्ट उन्हें जमानत दे सकता है।
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पेरोल के लिए अब तक नहीं दिया गया आवेदन
लालू परिवार को पूरा उम्मीद था की लालू यादव को बेल मिल जायेगी, इसलिए उनका पूरा ध्यान जमानत पर होने वाली सुनवाई पर था, इस वजह से अभी तक शादी में शिरकत करने के लिए पेरोल लेने की बात नहीं सोची गई थी। शायद अब इस पर विचार हो सकता है।
सियासी गहमा गहमी तेज
इस बीच सियासी गहमा गहमी तेज हो चुकी है। सभी पार्टियों की निगाहे लालू के जमानत पर टिकी हुए है। वही राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी का कहना है की राहुल से मुलाकात के महज तीन घंटे बाद लालू को रांची भेजने का फरमान सुना दिया गया। साफ है कि सियासी कारणों से उन्हें दिल्ली से हटाया गया। भाजपा को डर था कि लालू दिल्ली में रहकर विपक्षी एकजुटता को प्रोत्साहित कर सकते हैं। राजद नेताओं के मुताबिक डिस्चार्ज का ड्रामा भी लालू को मेडिकली फिट बताने के लिए किया गया, ताकि जमानत न मिले। बता दें इससी माह के 12 मई को लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप की शादी होनी है।