देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की सजा मिली है। इसके अलावे सीबीआई कोर्ट ने उनपर 10 लाख रूपए का जुर्माना भी लगाया है। सजा मिलने के बाद अपनी पार्टी राजद को बिखराव से बचाने के लिए लालू प्रसाद ने समर्थकों को खुला खत लिखा है। इस मार्मिक खत में उन्होंने लिखा है कि वह जेल जाने से डरते नहीं हैं। गरीब-गुरबों की बात करने के कारण उनके खिलाफ साजिश हुई है।
आप सबों के नाम ये पत्र लिख रहा हूँ और याद कर रहा हूँ अन्याय और ग़ैर बराबरी के खिलाफ.. pic.twitter.com/PMTrOU8GB8
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) January 6, 2018
खत में लिखा गया है कि किस तरह उनके राजनीतिक विरोधियों ने साजिश कर उनके परिवार को परेशान किया। खत में उन्होंने लिखा है कि बचपन से ही उनका जीवन चुनौतीपूर्ण और संघर्ष से भरा रहा है। गांव, गरीब, पिछड़े, शोषित, वंचित और अल्पसंख्यकों के हक के लिए संघर्ष करने के कारण ही उनके खिलाफ साजिश हुई।लालू ने खत में बचपन की सामाजिक व्यवस्था को भी याद किया। उन्होंने लिखा कि सामंती लोगों के सामने छोटे लोगों का सर उठाकर चलना अपराध था। बदलाव की वह बयार भी देखी जिसमें जेपी से प्रभावित होकर हजारों नौजवान आंदोलन में कूद पड़े थे। वे भी इस आन्दोलन के हिस्सा थे।
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लालू के पत्र को जगदानंद सिंह ने पार्टी की बैठक में पढ़कर सुनाया एवं समर्थकों के बीच बंटवाया। पार्टी बैठक में उनके पुत्र तेजस्वी यादव ने लालू के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने की अपील की।