नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते मामलो ने लोगों की चिंता को और बड़ा दिया है। जिसके कारण अब दोबारा लोग सोच समझकर घर से बाहर जा रहे हैं। बढ़ते मामलो को देखकर तो लग रहा है कि, शायद कई राज्य ऐसे हैं जहां लॉकडाउन लग सकता है। इसमें सबसे ज्यादा बुरा हाल मायानगरी मुंबई और केरल का है जहां लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जितने ज्यादा केस इंक्रिज हो रहे हैं, उतने ही उतना ही ज्यादा लोगों के दिल में डर पैदा हो गया है। खासकर इस बात को लेकर की वैक्सीन आने के बाद भी केस क्यो लगातार बढ़ रहे हैं।
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लॉकडाउन का काउंडाउन
लॉकडाउन का नाम सुनते ही 2020 की याद आ जाती है। इतना लंबा लॉकडाउन की हर कोई घर पर ही दिखाई दिया। ना जाने कैसी बीमारी है जिसमे पूरी दुनिया को रोक दिया। अब लगता है महाराष्ट्र में दोबारा लॉकडाउन लग सकता है। मिली जानकारी के अनुसार ठाकरे सरकार मुंबई में लॉकडाउन लगाने की बात कर रहे हैं, ताकि कोरोना के बढ़ते मामलो को कंट्रोल किया जा सके।
स्वास्थ्य विभाग के सीनियर अफसरों और कोविड टास्क फोर्स के साथ बैठक में सीएम ठाकरे ने लॉकडाउन जैसी पाबंदियों का खाका तैयार करने को कहा है। हालांकि शिवसेना समर्थित पार्टी एनसीपी ने इसका विरोध किया है। इसके अलावा बीजेपी भी लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है। अब महाराष्ट्र में लॉकडाउन या नहीं, इस पर फैसला 2 अप्रैल को हो सकता है।
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दफ्तरों और संस्थानों के लिए निर्देश
मिली जानकारी के अनुसार, उद्धव ठाकरे ने बैठक में कहा कि राज्य में लॉकडाउन आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते जारी किए गए बैन और नियमों का लोग पालन नहीं कर रहे हैं। अगर संक्रमण रोकने के लिए जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन नहीं किया गया, तो संपूर्ण राज्य में दोबारा लॉकडाउन लगाया जाएगा। उन्होंने मंत्रालय सहित सरकारी कार्यालयों में आम लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने का निर्देश दिया और 50 फीसदी कर्मचारी बुलाने का सख्ती से पालन नहीं करने पर निजी कार्यालयों और प्रतिष्ठानों को लॉकडाउन के लिए तैयार रहने को कहा।
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बढ़ सकती है मौतों की संख्या
टास्क फोर्स के डॉक्टरों ने यह भी बताया कि संक्रमण में वृद्धि होने से मौतों की संख्या में भी वृद्धि हो सकती है। विशेष रूप से समय पर टेस्ट न करवाने और अस्पताल में भर्ती होने में देरी और आइसोलेशन और क्वारंटीन के नियमों का पालन न करने पर मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट निर्देश दिया कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था को खराब होने बचाएं, लेकिन ऐसे कई कारक अभी भी हैं, जो जारी दिशा-निर्देशों का न तो ठीक से पालन कर रहे हैं और न ही इसे गंभीरता से ले रहे हैं। निजी कार्यालयों से अभी भी उपस्थिति नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।
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