कहते हैं जब हौंसला बुलंद हो और कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो कोई भी राह आसान हो जाती है|बस जरुरत होती है तो दृढ़ इच्छाशक्ति की|कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है फलका के गोपालचट्टी गांव की रहने वाली मधुबाला ने|अपने अकेले दम पर मधुबाला ने खुद की किस्मत तो बदली ही साथ ही परिवार की किस्मत भी बदल डाली}आज वो शान से परिवार चलाती हैं|बच्चों को बेहतर शिक्षा दे रही हैं|पति जो दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी का काम करता था वो आज उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर मेहनत कर रहा है और सफलता की नई कहानियां लिख रहा है|दरअसल शादी के बाद जब मधुबाला अपने ससुराल आयी तो उसे चंद तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा|खेती की जमीन रहने के बाद भी उसका पति परदेश में जाकर मजदूरी का काम करता था|जिससे वो और उसका परिवार तंगहाली का जीवन जीने को मजबूर था|लेकिन मधुबाला की सोच और उसी खेती की जमीन ने आज उसकी तकदीर बदल डाली है|पति के भेजे रुपयों को बचाकर उसने अपनी जमीन में खेती करने की ठानी|
आज वो दिन रात अपने खेतों में मेहनत करती है|उस 83 डिसमिल जमीन में शान से केले का फसल लगाती है|जिसकी देखभाल वो खुद करती है|चाहे फसल को रोपना हो|उसमें खाद डालना हो| स्प्रे करना हो सबकुछ वो खुद करती है|और आज उसकी कमाई भी दोगुनी है|पति भी परदेश में मजदूरी छोड़ मधुबाला का साथ देने आ गया है|और अब दोनों मिलकर खेती किसानी के दम पर आस पास के लोगों के लिए प्रेरणस्त्रोत बन गए हैं|कमाई बढ़ी तो रुपए कमाने के नए आयाम भी खुलने लगे|अब मधुबाला खेती के साथ-साथ पनीर बनाने का काम भी करती है|जिसे बेचकर अच्छी आमदनी हो रही है|
मधुबाला के दो बच्चे हैं जो पहले रुपयों की तंगी की वजह से अच्छी पढ़ाई नहीं कर पाते थे…लेकिन मधुबाला ने अपने मेहनत के दम पर बच्चों का भी दाखिला अच्छे स्कूल में कराया है…. अब मधुबाला गांव की दूसरी महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गई हैं उसकी हिम्मत देख गांव की दूसरी महिलाओं ने भी खेती करना शुरु कर दिया है|