मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अटकलें लगने लगीं है कि सरकार राज्य में लॉकडाउन लगाएगी या नहीं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को महाराष्ट्र के कोविड-19 टास्क फोर्स के साथ लंबी बैठक की, लेकिन लॉकडाउन और प्रतिबंधों के बारे में कोई फैसला नहीं किया गया। लॉकडाउन एक ऐसा धर्मसंकट है जिसमें सरकार को कोरोना से होने वाली मौतों पर रोक लगानी है दूसरी तरफ आर्थिक गतिविधियों को ठप होने से भी बचाना है।
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इन्हीं वजहों से लॉकडाउन की घोषणा करने से पहले मुख्यमंत्री राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों, व्यापारियों और अन्य संबंधित लोगों से अभी और विचार-विमर्श करने वाले हैं। अनुमान है कि वह सोमवार को वित्त मंत्री अजित पवार और संबंधित अधिकारियों के साथ लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले परिणामों और आर्थिक राहत पैकेज के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। लॉकडाउन लगेगा या नहीं इस सब पर पिछले 24 घंटों में यह कुछ हुआ:
सामना ने किया जोरदार समर्थन
सोमवार को शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में महाराष्ट्र में सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाने की वकालत की गई है। ‘सामना’ में लिखा है कि कोरोना संक्रमण की शृंखला को तोड़ना है तो लॉकडाउन के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। इस संकट को राजनीति से परे जाकर देखना चाहिए। ‘सामना’ में लिखा है कि व्यापार, उद्योग, स्कूल, राजनीति, मंदिर-मस्जिद जहां हैं, वहीं रहेंगे परंतु इंसान ही जीवित नहीं रहा तो क्या करोगे? इस दुनिया में इंसान के जीवन के अलावा और किसी चीज का कोई मोल नहीं है।
लॉकडाउन 8 या 14 दिन का…
महाराष्ट्र में लॉकडाउन 8 दिन का हो या 14 दिन का इस पर मंथन हो रहा है। उद्धव सरकार 8 दिन के लॉकडाउन के पक्ष में है, जबकि टास्क फोर्स का मानना है कि कम से कम 14 दिन जरूरी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने किया तारीख का ऐलान
रविवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने संकेत दिया था कि 14 अप्रैल के बाद राज्य में कभी भी लॉक डाउन का ऐलान किया जा सकता है। मंगलवार या बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री आधिकारिक रूप से लॉकडाउन की घोषणा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने इन सभी जरूरी सावधानियों को समाहित कर एक संपूर्ण एसओपी तैयार करने का निर्देश दिया है।
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टास्क फोर्स के सदस्यों के साथ सीएम की बैठक
रविवार को हुई टास्क फोर्स की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में प्रतिबंध लागू किए जाने के बाद ऑक्सीजन की उपलब्धता, चिकित्सा सुविधाओं का विकास त्वरित गति से बढ़ना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की जो बड़ी लहर आई हुई है उसे रोकने के लिए सख्त प्रतिबंधों के अलावा फिलहाल कोई और विकल्प नहीं है।
सुविधाएं जुटाने पर जोर
मुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन, बेड्स, रेमडीसीविर इंजेक्शन और वैक्सीनेशन जैसी जरूरी बुनियादी सुविधाओं को तत्काल प्रभाव से बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारियों का तेजी से वैक्सीनेशन करना होगा। इसके लिए केंद्र सरकार को भी जल्दी जल्दी और ज्यादा मात्रा में महाराष्ट्र को वैक्सीन की आपूर्ति करनी होगी।
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यों से उनके पास पड़ा ऑक्सीजन का अतिरिक्त स्टॉक मंगाया जाए। साथ ही रेमेडीसीविर इंजेक्शन का मनमाने ढंग से इस्तेमाल रोका जाए। कार्यालयों के कामकाजी समय में बदलाव किया जाए। वर्क फ्रॉम होम पर जोर दिया जाए और लोकल ट्रेनों में भीड़ रोकने के लिए पीक ऑवर्स का फिर से निर्धारण किया जाए।
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सीएम संग बैठक के बाद टास्क फोर्स ने ये सुझाव दिए हैं:
- 95% मरीज घर पर ही उचित तरीके से इलाज करा कर ठीक हो सकते हैं। इसलिए केवल गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत है।
- टास्क फोर्स ने यह भी सुझाव दिया है कि हाउसिंग सोसायटियों में क्वारंटीन कक्ष स्थापित कर वहां ऑक्सिजन कंसनट्रेटर्स लगाकर तात्कालिक जरूरतों को पूरा किया जा सकता है और अस्पतालों पर बोझ घटाया जा सकता है।
- अस्पताल में भर्ती होने आने वाले मरीजों का सबसे पहले 6 मिनिट वॉक टेस्ट लेकर डॉक्टरों को आगे का निर्णय लेना चाहिए।
- एमबीबीएस के थर्ड ईयर और उससे ज्यादा के विद्यार्थियों और आयुष डॉक्टर्स का बड़ी संख्या में उपयोग किया जाना चाहिए।
लॉकडाउन लगा तो इन चीजों पर रहेगी छूट
- जरूरी वजहों और सेवाओं के आनेजाने पर रोक नहीं होगी
- एग्जाम के लिए छात्रों के आनेजाने पर रोक नहीं
- वैक्सीनेशन सेंटरों पर जाने में कोई रोक नहीं
- जरूरी और इमरजेंसी सर्विस के लिए बस, ऑटो, टैक्सी सेवाओं पर रोक नहीं
- होम डिलिवरी पर रोक नहीं
- प्रवासी अगर वापस लौटना चाहें तो उस पर रोक नहीं