पटना। हमारे देश में कई मंदिर हैं, उनकी अलग-अलग मान्यता है। किसी में भगवान कृष्ण की लीला दिखाई देती है, तो किसी में भगवान शिव की। आज हम बात करेंगे उस चमत्कारी मंदिर जिसका ज्रिक महाभारत में भी किया गया है।
हम बात कर रहे हैं, मुंडेश्वरी मंदिर की जिसका ज्रिक हमारे पुराणों में भी किया गया है। इस मंदिर में भक्तों को माता की अद्भुत शक्ति की झलग भी देखने को मिलती है।
माता के मंदिर में होते हैं ये चमत्कार
मुंडेश्वरी मंदिर बिहार की सबसे प्राचीन मंदिर है, यहां हिंदू ही नहीं बल्कि अन्य धर्म के लोग भी आते हैं और माता का चमत्कार देखते हैं। यहां लोग अपनी अरदास लगाने आते हैं और जब वो अरदास पूरी हो जाती है तो यहां बलि देने आते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से माता से कुछ मांगता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।
अलग तरह दी जाती है बलि
बलि जिसमें किसी पशु का सिर काटकर चढ़ाया जाता है, लेकिन यहां की प्रथा बिल्कुल अलग है यहां बलि तो चढ़ती है लेकिन उस पशु का जीवन लिए बिना। जी हां यहां किसी भी पशु को काटा नहीं जाता, बस जिंदा ही माता के चरणों में दे दिया जाता है।
चण्ड-मुण्ड के संघार के लिए यहां आई थी माता
कहा जाता है कि, माता यहां चण्ड-मुण्ड के संघार के लिए आई थी। उन्होंने चण्ड का वध तो कर दिया था, लेकिन मुण्ड पहाड़ी पर जाकर छुप गया था। जिसके बाद माता उसे ढूंढते हुए पहाड़ी पर जा पहुंची और वहां जाकर उन्होंने उसका वध कर दिया। तभी से माता का नाम मुंडेश्वरी रखा गया।