चीनमें मार्च की शुरुआत में दो मृत बंदरों को विच्छेदित करने के एक महीने बाद बीजिंग के एक पशु चिकित्सक में मंकी बी वायरस के मानव संक्रमण की घटना सामने आई है।
गैर-मानव प्राइमेट पर शोध करने वाली एक संस्था के लिए काम करने वाले 53 वर्षीय पशु चिकित्सक ने अप्रैल में मतली और उल्टी के शुरुआती लक्षण दिखाना शुरू कर दिया था। मई में पशु चिकित्सक की मृत्यु मौजूदा कोरोनावायरस महामारी के बीच चिंताओं को बढ़ाने वाली घटना है।
पहली बार 1932 में पहचाना गया, इस वायरस ने 2020 तक केवल 50 लोगों को संक्रमित किया, जिनमें से 21 की मृत्यु हो गई।
क्या है मंकी–बी वायरस?
1932 में पहचाना गया यह एक अल्फाहर्पीसवायरस है जो जीनस मैकाका के मैकाक में आमतौर पर पाया जाता है। बी वायरस एकमात्र पहचाना गया पुरानी–दुनिया मंकी हर्पीसवायरस है जो मनुष्यों में गंभीर रोगजनकता प्रदर्शित करता है।
यह कैसे फैलता है?
संक्रमण सीधे संपर्क और बंदरों के शारीरिक स्राव के आदान-प्रदान के माध्यम से फैलता है और इसकी मृत्यु दर 70 प्रतिशत से 80 प्रतिशत है।
विशेषज्ञों के अनुसार, मकाक बंदरों में आमतौर पर यह वायरस होता है, और यह उनकी लार, मल , मूत्र, या मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी के ऊतकों में पाया जा सकता है। लैब में संक्रमित बंदर से आने वाली कोशिकाओं में भी वायरस पाया जा सकता है। बी वायरस सतहों पर घंटों तक जीवित रह सकता है, खासकर जब सतह नम हो।
इंसानों में इसका संक्रमण:
इसे भी पढ़ें: क्या है कोविड–19 का डेल्टा वेरिएंट? जानिए कितना घातक है ये
संक्रमित बंदर द्वारा काटे जाने या खरोंचने पर मनुष्य संक्रमित हो सकता है। इसके अलावा एक संक्रमित बंदर के ऊतक या तरल पदार्थ केफटी हुई त्वचा पर या आंखों, नाक या मुंह के संपर्क में आने से भी फैलता है। बंदर के मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, या खोपड़ी के संपर्क में आने से भी इसके फैलने का खतरा होता है।
बोस्टन पब्लिक हेल्थ कमीशन की एक रिपोर्ट के अनुसार इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति को समय पर इलाज न मिले तो लगभग 70% मामलों में मरीज की मौत हो सकती है। ऐसे में अगर आपको किसी बंदर ने काट लिया है या खरोंच दिया है तो हो सकता है कि वो बी वायरस का कैरियर हो।
क्या होते हैं इसके लक्षण?
लक्षण आमतौर पर बी वायरस के संपर्क में आने के एक महीने के भीतर शुरू हो जाते हैं।
बी वायरस के संक्रमण के पहले संकेत आम तौर पर फ्लू जैसे लक्षण होते हैं जैसे बुखार और ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, थकान और सिरदर्द, जिसके बाद एक संक्रमित व्यक्ति को बंदर के संपर्क में आने वाले घाव या शरीर के हिस्सेमें छोटे–छोटे छाले हो सकते हैं। संक्रमण के कुछ अन्य लक्षणों में सांस की तकलीफ, मतली और उल्टी, पेट में दर्द और हिचकी शामिल हैं।
जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, वायरस फैलता है और मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की सूजन का कारण बनता है, जिससे घाव के पास दर्द, सुन्नता, खुजली जैसे तंत्रिका संबंधी और सूजन संबंधी लक्षण दिखाई देते हैं; मांसपेशी समन्वय में भी दिक्कतआने लगती है।कुछ गंभीर क्षति मामलों में मृत्यु भी हो जाती है।
क्या इसका कोई टीका है?
वर्तमान में ऐसा कोई भी टीका नहीं हैं जो बी वायरस के संक्रमण से रक्षा कर सके।
सबसे ज्यादा खतरा किसको है?
वायरस प्रयोगशाला कर्मियों, पशु चिकित्सकों और अन्य लोगों के लिए यह एक संभावित खतरा पैदा कर सकता है जो बंदरों या उनके नमूनों के संपर्क में आ आते रहते हैं।
इसे भी पढ़ें: जाने क्या खाने से होगी इम्युनिटी मजबूत