पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई द्वारा की गई जांच पटना उच्च न्यायालय की निगरानी में की जाएगी। चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन और न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने इस मामले की सीबीआई जांच की निगरानी करने और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए त्वरित अदालत का गठन करने के राज्य सरकार के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है।
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अधिकारियों को किया गया निलंबित
इसमें समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक दिवेश शर्मा शामिल हैं। उनके खिलाफ यह कार्रवाई राज्य के बालिक गृहों में अनियमितताओं की जानकारी के बावजूद लापरवाही के लिए की गई है। सहायक निदेशक भोजपुर आलोक रंजन, सहायक निदेशक भागलपुर गीतांजलि प्रसाद, सहायक देशक मधुबनी कुमार सत्यकाम, सहायक निदेशक अररिया घनश्याम रविदास, सहायक निदेशक मुंगेर सीमा कुमारी, बाल संरक्षण पदाधिकारी पटना नवलेश कुमार सिंह, तत्कालीन बाल संरक्षण पदाधिकारी मुंगेर रंजन कुमार, तत्कालीन बाल संरक्षण पदाधिकारी भागलपुर रंजन कुमार, बाल संरक्षण पदाधिकारी गया मीराजुद्दीन सदानी, तत्कालीन बाल संरक्षण पदाधिकारी मधुबनी संगीत कुमार ठाकुर, तत्कालीन बाल संरक्षण पदाधिकारी मोतिहारी विकास कुमार और अधीक्षक पयेर्क्षण गृह अररिया मोहम्मद फिरोज शामिल हैं।
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आपको बता दें कि, शनिवार को आरजेडी नेता तजस्वी यादव इस मुद्दे को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचे थे। जहां उन्होंने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनके इस प्रदर्शन में कई विपक्षी नेता भी शामिल हुए।
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