आखिर छोटी सी नैंसी ने किसी का क्या बिगाड़ा था?उम्र भी इतनी नहीं थी कि किसी का कुछ बिगाड़ सके| फिर दरिंदों ने उसकी हत्या क्यों की? ये सवाल मधुबनी में रहने वाले हरेक लोग एक दूसरे से पूछ रहे हैं| उसका अपहरण हुआ, नैंसी के पिता ने पुलिस को कुछ सुराग भी दिए फिर आखिर पुलिस ने समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की? नैंसी की लाश देखकर हरेक का खून खौल रहा है कि आखिर किस गलती की इतनी क्रूर सजा दी गई उसे| लोग कहते हैं कि उसके साथ गंदी हरकत भी की गई, लेकिन सच्चाई क्या है ये डॉक्टरी पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट में बंद है| लोगों को पुलिस पर भरोसा नहीं है डर है कि रसूख वाले कहीं उस रिपोर्ट को ही न बदल दें| सोशल साइट पर स्थानीय पुलिस के खिलाफ गुस्सा है लोग पुलिस हाय-हाय लिख रहे हैं| सवाल गंभीर है कि आखिर किस गलती की सजा दी गई नैंसी झा को?
नैंसी के पिता स्थानीय प्राइवेट स्कूल के डायरेक्टर हैं हो सकता है कि रुपयों की लालच में नृशंसों ने उसका अपहरण किया हो और फिर उसकी हत्या कर दी| लेकन सवाल है कि रिपोर्ट लिखाने के बाद पुलिस की चुस्ती कहां थी? अगर पुलिस चुस्ती दिखाती तो शायद नैंसी आज जिंदा होती और पढ़ाई में तल्लीन होती| लेकिन होनी को तो कुछ और ही मंजूर था,पुलिस सुस्त रही और अपराधियों ने उसकी विभत्स तरीके से हत्या कर दी|
जानकारी के मानें तो दबी जुबान में ही लोग इसे बर्दाश्त के बाहर की घटना बता रहे हैं| लोगों के मन में उबाल है, हो सकता है कि ये उबाल सड़कों पर विरोध के तौर पर निकल कर आए| मधुबनी के लोग उसकी सकुशल रिहाई के लिए सोशल साइट पर कैंपेन चला रहे थे| लेकिन उनके कैंपेन को अपराधियों ने नाकाम कर दिया| मधुबनी प्रशासन आदतन नैंसी के अपहरण पर भी सोता रहा| कोई विशेष ऑपरेशन नहीं चला| पब्लिक के गुस्से की फिक्र नहीं की गई| परिणाम हत्यारों ने नैंसी झा को मार डाला| फिर जलाया| कुछ लोग शव को देख एसिड अटैक जैसी बात भी कर रहे हैं| हत्या के बाद लाश को सुनसान खेत में फ़ेंक दिया गया,जहाँ से 27 मई की रात बरामदगी हुई| नैंसी की लाश मिलने की खबर ने मधुबनी के गुस्से को सांतवें आसमान पर पहुंचा दिया है| पुलिस की कार्रवाई अब भी ऐसी नहीं है कि वह लोगों का भरोसा जीत सके|
वैसे भी शांत रहने वाले इस शहर में पुलिसिया सुस्ती की वजह से क्राइम बढ़ा है| स्थानीय लोग हैरान, परेशान हैं लेकिन पुलिस की अपनी चाल है, उसकी कोई कार्रवाई अपराधियों में डर पैदा नहीं कर पा रही हैं| ऐसे में लोगों का गुस्सा चरम पर है और वो अपना विरोध जताने सड़क पर उतरने को भी तैयार हैं!