नई दिल्ली। जिस दिन से चंद्रयान-2 के विक्रम से इसरो का संपर्क टूटा है, तबसे हर कियी के मन में एक ही हलचल चल रही है, कि एक बार दोबार विक्रम से संपर्क हो जाए। जिसके चलते इसरो भी लगातार विक्रम से संपर्क साधने में लगी हुई है। लेकिन अभी तक उसका कोई रिजल्ट दिखाई नहीं दे रहा है। वहीं नासा के मून आर्बिटर ने चांद के उस क्षेत्र की तस्वीर ली। जहां पहुंच चंद्रयान-2 से भारत का संपर्क टूट गया था।
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नासा की रिपोर्ट से ये सच आया सामने
नासा के एक वैज्ञानिक के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, नासा ने चांद के दक्षिणी ध्रूव पर अपने लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर की मदद से 17 सितंबर को कई तस्वीरें ली हैं। नासा फिलहाल इन तस्वीरों का विश्लेषण कर रहा है। इसी क्षेत्र में मिशन चंद्रयान-2 के तहत विक्रम लैंडर की साफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की गई थी, लेकिन विक्रम के लैंड होने से दो किलोमीटर पहले ही इसरो का संपर्क टूट गया था।
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It’s been four years since @MarsOrbiter successfully got inserted into Martian orbit on September 24, 2014 in its first attempt. #MOM‘s mission life was expected to be six months! So far, the Mars Colour Camera has acquired 980+ images. Mars Atlas is also ready. pic.twitter.com/z4GGkGvl0C
— ISRO (@isro) September 24, 2018
आपको बता दें कि, विक्रम से संपर्क करने की संभावना 21 सितंबर तक की है। अगर 21 सितंबर तक संपर्क नहीं हो पाया तो, विक्रम से कभी संपर्क नहीं हो पाएगा। इसके बाद चांद के उस क्षेत्र में अंधेरा हो जाएगा। लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट जॉन केलर ने बयान के जरिए यह कन्फर्म किया कि ऑर्बिटर के कैमरे ने तस्वीरें ली हैं।
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