बॉलीवुड के सीनियर एक्टर नसीरउद्दीन शाह ने देश में ध्रुवीकरण को लेकर कहा है कि देश में मुसलमानों को ये सोच बदलनी होगी कि वो पीड़ित हैं या उन्हें देश में सताया जा रहा है। दरअसल नसीरउद्दीन शाह ने एक लेख में लिखा है कि भारत में रह रहे मुसलमानों को अपने आप को पीड़ित मानने की सोच बदलनी होगी जैसा की वो इस समय मानते हैं।
‘हमें सताया हुआ महसूस करना बंद करना चाहिए और मामलों को अपने हाथों में लेना चाहिए- कम से कम अपने भारतीय-राष्ट्र पर गर्व करना चाहिए और देश पर अपने दावे पर जोर देना।’
शाह ने दावा किया कि यह देश में पहली बार है कि शांति के लिए अनुरोध और चिंता का तर्कसंगत बयान में केवल मुसलमानों को राजद्रोह के रूप में नहीं समझा गया है । हाल ही में हिंदुस्तान टाइम्स में लिखे लेख में नसीरउद्दीन शाह ने ये भी लिखा है कि आज जहां एक ओर भगवा स्कार्फ और तिलक बढ़ते जा रहे हैं वहीं दाढ़ी, हिजाब और टोपियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है जबकि आज से करीब दस साल पहले हिंदु और मुसलमानो में अंतर देखने का मामला सामने नहीं आता था।
गौरतलब है कि उनका बयान तब आया है,जब देश में इस तरह की चर्चा जोरों पर है।।