नई दिल्ली। “या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्माचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमों नम:।।“ आज है नवरात्री का दूसरा दिन इस दिन मां के दूसरे रूप ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है। ब्रह्मा का अर्थ होता है तपस्या और चारिणा का अर्थ, आचरण करने वाली।
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मां ब्रह्माचारिणी के दाएं हाथ में जप माला और बाएं हाथ में कमंडल शोभायमान है। मां दुर्गा के इस स्वरूप की उपासना करने से मनुष्य को भक्ति और सिद्धि दोनों की प्राप्ति होती है। देवी प्रसन्न होकर अपने भक्तों को तप, त्याग, वैराग्य और संयम प्रदान करती हैं।
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इस तरह करें मां ब्रह्माचारिणी की पूजा
मां ब्रह्माचारिणी की पूजा के लिए सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। उनके बाद मां को दूध, दही, घी, इत्र, मधु व शर्करा से स्नान कराएं। उसके बाद फूल, अक्षत, रोली, मिश्री, लौंग आदि अर्पित करें। मां ब्रह्माचारिणी को दूध से बने व्यंजन काफी पसंद हैं।
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