नई दिल्ली। “ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते॥“ 10 अक्टूबर यानि बुधवार से नवरात्रि के व्रत शुरू हो रहे हैं। इन दिनों घरों में देवी की नौ रूपो को पूजा की जाती है। कई श्रद्धालु नवरात्रि में अपने घर पर मंगर घटस्थापना भी करते हैं। अखंड ज्योती जलाते हैं, नौ दिनों का उपवास रखते हैं।
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कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि को किया जाएगा। यह चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग में संपन्न होगा। सुबह 6:22 से 07:25 तक रहेगा। अगर इस दौरान किसी वजह से आप कलश स्थापित नहीं कर पाते हैं, तो 10 अक्टूबर को सुबह 11:36 बजे से 12:24 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापना कर सकते हैं। ध्यान रहे कि शास्त्रों के अनुसार, अमावस्यायुक्त शुक्ल प्रतिपदा मुहूर्त में कलश स्थापित करना वर्जित होता है। इसलिए किसी भी हाल में 9 अक्टूबर को कलश स्थापना नहीं होगी।
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नवरात्र में कैसे करें कलश स्थापना
अगर आप घर में कलश स्थापना कर रहे हैं तो सबसे पहले कलश पर स्वास्तिक बनाएं। फिर कलश पर मौली बांधें और उसमें जल भरें। कलश में साबुत सुपारी, फूल, इत्र और पंचरत्न व सिक्का डालें। इसमें अक्षत भी डालें। कलश स्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए। नित्य कर्म और स्नान के बाद ध्यान करें। इसके बाद पूजन स्थल से अलग एक पाटे पर लाल व सफेद कपड़ा बिछाएं। इस पर अक्षत से अष्टदल बनाकर इस पर जल से भरा कलश स्थापित करें।
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