पटना। जबसे जम्मू-कश्मीर में सरकार गिरी है तभी से बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कभी यहां योग में सीएम के शामिल ना होने को निशाना बनाया जाता है, तो कभी 2019 के चुनाव को लेकर तंज कसा जाता है। इस बार नीतीश कुमार के बयानों को लेकर हर तरफ गहमा-गहमी बरकरार है।
इसे भी पढ़ें: कर्नाटक: खतरें में पड़ी गठबंधन की सरकार, गिरने के लगे कयास!
नीतीश कुमार ने इन बातों पर दिया जोर
बिहार के सीएम नीतीश कुमार सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। जहां उन्होंने वोट बैंक का मुद्दा उठाते हुए कहा कि, जब भी चुनाव होते हैं तो देश में वोट के नाम पर जातीय और संप्रदायिक माहौल तैयार किया जाता है। जिसके कारण जनता तनाव में आ जाती है। हमें हमेशा अपने काम और जनता को किए वादे को लेकर ही वोट मांगना चाहिए। ऐसे में हम वोट की चिंता नहीं बल्कि वोटर की चिंता करेंगे।
इसे भी पढ़ें: मानसून ने दी बिहार में दस्तक, 48 घंटों के भीतर इन राज्यों में भी हो सकती है बारिश
आपको बता दें कि, जिस कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही है, उसमें केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान भी मौजूद थे। उनकी इस बात से एक बात साफ हो जाती है कि वो बीजेपी पर पीछे से निशाना साध रहे थे। और ये बताने की कोशिश कर रहे थे कि उन्हें अगर लोग कमजोर समझ रहे हैं, तो इस गलतफहमी को अपने दिमाग से निकाल दो, क्योंकि जनता का जो मन करता है वो वही करती है, और अगर वो चाहे तो कसी को बिगाड़ भी सकती है, और किसी की सरकार बिना गठबंधन के बना भी सकती है।
इसे भी पढ़ें: मैट्रिक बोर्ड के आज घोषित होंगे नतीजे, इन वेबसाइट पर करें चेक