बिहार। जहां एक तरफ पूरी दुनिया योग के रंग में रंगी दिखाई दे रही है। वहीं दूसरी ओर बिहार में योग के साथ राजनीति का रंग खेला जा रहा है। राजनीति का ऐसा रंग जिसे देखकर आप खुद कहेंगे की सरकार चल पाएगी ज्यादा दिनों तक या नहीं।
बिहार में योग दिवस के मौके पर बीजेपी ने योग कार्यक्रम का आयोजन किया। लेकिन किसी को क्या पता था कि उसमें भी राजनीति बीच में आ जाएगी। सीएम नीतीश कुमार को इस कार्यक्रम के लिए मौजूद रहना था, लेकिन वो यहां आए ही नहीं। जिसके कारण लोगों को एक संकेत तो मिल गए हैं कि सरकार में अब एकता नहीं रही। हम बस नीतीश की ही नहीं बल्कि जदयू के उन सारे नेताओं की बात कर रहे हैं जो वहां मौजूद नहीं थे।
जब इस मामले पर उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी से सवाल किया गया तो, उन्होंने कहा कि, यहां जदयू के ना होने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। मैं यहां उपस्थित हूं और कई लोग यहां मौजूद हैं जो जदयू नेता हैं। हमने साथ मिलकर इस दिवस को मनाया और कोई जरूरी नहीं की जो यहां आएगा वही योग करेगा। योग कहीं भी किया जा सकता है।
आपको बता दें कि, ये पहली बार नहीं है जब जदयू ने योग शिविर से किनारा किया हो। पिछले साल भी यही नजारा देखने को मिला था। लेकिन इस बार बिहार में एनडीए की सरकार है और भाजपा-जदयू एकसाथ सरकार में शामिल हैं। इसके बावजूद जदयू ने इस कार्यक्रम में भाजपा का साथ नहीं दिया है।