पटना। देश के कई ऐसे राज्य है जहां भारी बारिश के कारण बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं, वहीं कई राज्य ऐसे हैं जहां उम्मीद से कम बारिश दर्ज की गई है। उनमें से एक राज्य है बिहार जहां इस बार बारिश कम होने के कारण सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने रविवार को अपने आवास पर अहम बैठक की। इस बैठक में कृषि से जुड़े करीब 10 विभाग के अधिकारी शामिल रहे। बैठक में किसानों के हित के कई अहम फैसले लिए गए। जिसकी जानकारी मुख्य सचिव दीपक ने प्रेस कान्फ्रेंस करके दी।
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बैठक में लिए गए अहम फैसले
बैठक में किसानों के लिए डीजल अनुदान की राशि 50 रूपये बढ़ाई गई है। पहले एक लीटर डीजल पर 40 रूपये का अनुदान था। अभी एक लीटर डीजल का दाम करीब 73 रूपये है। किसानों को 50 रूपये सरकार देगी तो उन्हें एक लीटर पर 23 रूपये की खर्च करने होंगे।
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वहीं पटवन के लिए बिजली की दर घटाई गई। इसके तहत 96 पैसे प्रति यूनिट की जगह अब 75 पैसे प्रति यूनिट का चार्ज लगेगा। ग्रामीण इलाकों में अगर ट्रांसफार्मर खराब होंगे तो उन्हें 48 घंटे में बदला जाएगा।
जहां पेयजल की कमी होगी वहां टैंकर से पानी पहुंचाया जाएगा। पीएचइडी विभाग 500 टैंकरों के जरिये पानी पहुंचाएगा। बारिश नहीं होने की वजह से धान की रोपनी बहुत कम हुई है। पिछले साल इस समय तक करीब 1 लाख 47 हजार हेक्टेयर जमीन में रोपनी हो चुकी थी। लेकिन इस साल केवल 66 हजार हेक्टेयर जमीन में ही रोपनी हुई है।
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यानी अभी तक आधी से भी कम रोपनी हुई है। पानी की कमी को देखते हुए सरकार वैकल्पिक खेती पर भी विचार कर रही है। धान की जगह वैसे वैकल्पिक फसल बीजों को 28 जुलाई तक सभी प्रखंड मुख्यालयों तक पहुंचाने के लिए कहा गया है। वहीं 31 जुलाई को सीएम फिर सूखे की स्थिति की समीक्षा करेंगे। बताते चलें कि इस साल 48 फीसदी कम बारिश हुई है।