देश भर के सांसद अपने काम के प्रति संसद में कितने गंभीर हैं और इसके लिए संसद में उनकी अटेंडेंस कितनी है, इसे लेकर एक रिपोर्ट सामने आयी है| यह रिपोर्ट 16वीं लोकसभा के सांसदों का है| संसद में सांसदों के परफॉर्मेंस को 1जून 2014 से 12 अप्रैल 2017 तक का आधार बनाया गया है| हालांकि इस रिपोर्ट कार्ड में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल सदस्यों को शामिल नहीं किया गया है| रिपोर्ट के आधार पर पहले बात बिहार के सांसदों के अटेंडेंस की | जानकारी के मुताबिक संसद में देश भर के सांसदों की उपस्थिति का प्रतिशत 80 है, लेकिन सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें बिहार के सांसद नेशनल औसत से आगे हैं|
बिहार के कुल सांसदों का अटेंडेंस औसत 87 प्रतिशत है| बिहार के सबसे अधिक उपस्थित रहे 10 सांसदों में पहले स्थान पर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे व जमुई के लोजपा सांसद चिराग पासवान हैं| चिराग पासवान पहली बार लोजपा के टिकट पर सांसद बने हैं | पार्लियामेंट में उनकी उपस्थिति 98 प्रतिशत है | चिराग पासवान और गया के भाजपा सांसद हरि मांझी की संसद में उपस्थिति 98 प्रतिशत है|
97 प्रतिशत उपस्थिति में बिहार के पांच सांसद शामिल हैं| ये सांसद हैं – मुजफ्फरपुर के अजय निषाद, मधुबनी के हुकुमदेव नारायण यादव,गोपालगंज के जनक राम,आरा के राज कुमार सिंह और शिवहर की रमा देवी| ये सभी सांसद भाजपा की टिकट पर जीतकर संसद पहुंचे हैं| 9वें व 10वें स्थान पर 96 प्रतिशत की हाजिरी वाले सांसद नालंदा के कौशलेंद्र कुमार (जदयू) और दरभंगा के कीर्ति झा आजाद (भाजपा से निलंबित) हैं |अब बात सबसे कम उपस्थित रहने वाले बिहार के पांच सांसदों की| वैशाली के लोजपा सांसद रामकिशोर सिंह उर्फ रमा सिंह (लोजपा) मात्र 64 प्रतिशत के अटेंडेंस के साथ इस कैटेगरी में टॉप स्थान पर हैं| दूसरे स्थान पर बिहार प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष व उजियारपुर के सांसद नित्यानंद राय हैं| राय की उपस्थिति सांसदों की ट्रैक रिपोर्ट में मात्र 66 प्रतिशत दर्ज की गई है| नित्यानंद की तरह पूर्णिया के जदयू सांसद संतोष कुशवाहा का प्रतिशत भी सिर्फ 66 है| मधेपुरा के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (राजद से निलंबित) 73 प्रतिशत के साथ चौथे व पटना साहिब के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा (भाजपा) 70 प्रतिशत अटेंडेंस के साथ पांचवें स्थान पर हैं|